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उत्तराखंड

आपदा प्रभावितों के विस्थापन के लिए तीन चरणों में होगी समीक्षा

Raftaar Desk - P2

-बैठक में पहली बार विधायक रहेंगे मौजूद,7 जून को समीक्षा देहरादून, 06 जून (हि.स.)। मानसून सीजन से पहले आपदा से निपटने के लिए इस बार उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग चुस्त है। आपदा प्रभावित गांवों के पुनर्वास के लिए समीक्षा तीन चरणों में होगी। इसकी शुरुआत सात जून को बैठक से होगी। इन बैठकों की खास बात यह होगी कि इनमें अधिकारियों के साथ-साथ आपदा प्रभावित क्षेत्रों के स्थानीय विधायक भी मौजूद रहेंगे। विधायकों के सुझावों को भी शामिल करते हुए प्रभावितों का विस्थापन प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। राज्य के आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास मंत्री डा.धन सिंह रावत ने कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग उन गांवों के पुनर्वास के लिए फिक्रमंद है। जो आपदा के जोखिम से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। आगामी मानसून सीजन के मद्देनजर राज्य के आपदा प्रभावित गांवों एवं परिवारों का पुनर्वास राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। इसी क्रम में आपदा प्रभावित गांवों के विस्थापन को तीन श्रेणियों अतिसंवेदनशील, संवेदनशील एवं कम संवेदनशील में बांटा गया है। इसी क्रम में पुनर्वास की समीक्षा बैठक भी आयोजित की जाएगी। पहली बार सम्बंधित क्षेत्र के स्थानीय विधायकों को भी आमंत्रित किया जा रहा है, ताकि पुनर्वास प्रक्रिया में विधायकों के सुझाव भी शामिल किये जा सकें। सोमवार 7को विभाग की ऐसी पहली बैठक विधानसभा के सभागार में होगी। ,जिसमें शासन के अधिकारी के साथ ही अति संवेदनशील आपदा प्रभावित क्षेत्रों के एक दर्जन विधायकों को भी आमंत्रित किया गया है। बैठक में विशेष रूप से विपक्ष के विधायकों को पत्र भेजकर आमांत्रित किया गया है, जिसमें चकराता विधायक प्रीतम सिंह चौहान, धारचूला विधायक हरीश धामी, पुरोला विधायक राजकुमार एवं केदारनाथ विधायक मनोज रावत शामिल हैं। मंत्री ने कहा कि सरकार की सकारात्मक पहल है। इसी प्रकार अगले सप्ताह संवेदनशील एवं कम संवेदनशील क्षेत्रों के आपदाग्रस्त गांवों के पुनर्वास की बैठकें आयोजित की जाएंगी। इसमें अधिकारियों के साथ ही संबंधित क्षेत्र के विधायकों को बैठक में बुलाया जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/राजेश