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उत्तराखंड

पृथक रवांई जनपद की मांग को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

Raftaar Desk - P2

उत्तरकाशी, 01 अप्रैल (हि.स.)। रवांई घाटी को पृथक जनपद बनाने की वर्षों पुरानी मांग को लेकर गुरुवार को स्थानीय ग्रामीणों ने जुलूस प्रदर्शन कर तहसील प्रांगण में सांकेतिक धरना दिया। पुरोला नगर क्षेत्र में सैकड़ों ग्रामीण एकत्रित होकर ढोल-बाजों के साथ जिले की मांग को लेकर मुख्य बाजार, मोरी रोड, कुमोला रोड से जूलूस की शक्ल में नारेबाजी करते हुए तहसील प्रांगण में पहुंचे, जंहा उपजिलाधिकारी सोहन सिंह सैनी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया। ज्ञापन में कहा गया है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ने प्रदेश के 5 नए जनपदों की घोषणा करते हुए रवांई घाटी पृथक जनपद की भी घोषणा की थी। उसके बाद सरकारें आयी और गयीं लेकिन अभी तक वर्षों पुरानी क्षेत्र की मांग पृथक जनपद को केवल घोषणाओं में ही समेट दिया। जनपद संघर्ष समिति के लोगों ने सरकार पर रवांई घाटी की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि दशकों पूर्व रवांई घाटी को पृथक जनपद बनाने सहित पुरोला को मुख्यालय बनाने को लेकर भार्गव समिति बनाई गई जिसने अध्ययन कर पृथक जनपद के लिए अपनी सकारात्मक संस्तुति सरकार को भेजी थी लेकिन यह दुर्भाग्य है कि 3 दशकों से पृथक जनपद की चल रही मांग पर कोई भी सरकार अमल नही कर रही है। ज्ञापन के माध्यम से कहा गया है कि घाटी की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण यंहा की जनता को अपने छोटे-छोटे कार्यों के लिए जनपद मुख्यालय में अनावश्यक आर्थिक नुकसान उठा कर दो या तीन दिनों का समय वर्बाद करना पड़ता है। संघर्ष समिति के प्रकाश कुमार व एलम पंवार ने कहा कि पृथक रवांई जनपद की मांग को लेकर सर्वदलीय बैठक कर संघर्ष जारी रखा जाएगा, जब तक सरकार पृथक जनपद को लेकर कोई ठोस निर्णय न करे। हिन्दुस्थान समाचार/ चिरंजीव सेमवाल