देहरादून, 09 जनवरी (हि.स.)। धार्मिक आयोजनों पर भी कोरोना का साया दिखाई दे रहा है। इसका प्रमाण भारत से हज यात्रा पर जाने वाले जायरीनों की संख्या है। 2020 में भारत के जायरीन हज यात्रा पर नहीं जा पाए।लोग 2021 को लेकर भी पशोपेश में है। वैसे सऊदी सरकार के नियमों और कानूनों के बदलाव का भी हज यात्रा पर प्रभाव पड़ेगा। उत्तराखंड से जाने वाले जायरीनों को प्रतिवर्ष आवेदन करना होता है। इसके लिए हज कमेटी भारत ने 2021 में हज पर जाने वाले यात्रियों के लिए 7 नवम्बर से 10 दिसम्बर 2020 तक ऑनलाइन आवेदन मांगे थे। कोरोना के कारण काफी कम लोगों ने आवेदन किया है। इसके कारण यह तिथि 10 जनवरी 2021 तक बढ़ा दी गई है। अब तक मात्र 20 प्रतिशत यात्रियों ने ही ऑनलाइन आवेदन दिया है। हज कमेटी को उत्तराखंड से 10 दिसम्बर तक मात्र 405 आवेदन मिले। अब यह संख्या 646 तक ही पहुंच गई है। वर्ष 2020 में हज पर जाने के लिए साल 2019 अंत में आवेदन प्रक्रिया प्रारंभ हुई थी जिसमें 3020 यात्रियों ने आवेदन किया था और 1265 यात्रियों चयन हुआ था। उत्तराखंड हज समिति के चेयरमैन शमीम आलम का कहना है कि उत्तराखंड राज्य से पिछले साल 1265 यात्री हज पर जाने के लिए चिन्हित किए गए थे लेकिन कोरोना के चलते यात्री नहीं जा पाए। इस बार भी संख्या बेहद कम रहेगी। उन्होंने हज यात्रियों को निशुल्क कोरोना वैक्सीन लगाने का आग्रह किया है। हिन्दुस्थान समाचार/ साकेती/मुकुंद-hindusthansamachar.in