अंधकार से प्रकाश की ओर लेकर जाते हैं भगवान शिवः कैलाशानंद
अंधकार से प्रकाश की ओर लेकर जाते हैं भगवान शिवः कैलाशानंद 
उत्तराखंड

अंधकार से प्रकाश की ओर लेकर जाते हैं भगवान शिवः कैलाशानंद

Raftaar Desk - P2

हरिद्वार, 15 जुलाई (हि.स.)। श्री दक्षिण काली पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा-आराधना का विशेष विधान है। श्रावण मास में बेल पत्र से भगवान भोलेनाथ की पूजा करना और उन्हें जल चढ़ाना अति फलदायी होता है। भगवान शिव भक्त की समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं। जो भक्त सावन महीने में सच्चे मन और पूरी श्रद्धा के साथ महादेव का पूजन व जलाभिषेक करते हैं। उन्हें भगवान शिव का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त होता है। नील धारा तट स्थित श्री दक्षिण काली मन्दिर में भगवान शिव का अति दुलर्भ फूलों से श्रृंगार किया गया और विश्व कल्याण की कामना की गई। स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि श्रद्धा एवं विधानपूर्वक की गयी भगवान भोलेनाथ की पूजा व्यक्ति को भवसागर से पार लगाती है। भक्तों के जीवन को अंधकार से प्रकाश की ओर भगवान शिव लेकर जाते हैं और उनका कल्याण स्वयं भगवान शिव करते हैं। स्वामी महाराज ने कहा कि श्रावण में महादेव शिव देवी पार्वती के साथ कनखल स्थित दक्ष प्रजापति मंदिर में निवास कर सृष्टि का संचालन करते हैं। भगवान शिव की पूजा से युग युगांतर के पापों का शमन हो जाता है और जीवन उन्नति की ओर अग्रसर होता है। इसलिए भगवान शिव के साथ मां भगवती की भी पूजा करनी चाहिए। स्वामी महाराज ने कहा कि अपने कंठ में विष धारण कर संसार की रक्षा करने वाले भगवान शिव कोरोना महामारी से भी पूरे संसार की रक्षा करेंगे। भगवान शिव की कृपा से समस्त रोग दूर हो जाते हैं। दुर्घटना और अकाल मृत्यु से मुक्ति मिलती है। इस दौरान आचार्य पवन दत्त मिश्र, पंडित प्रमोद पाण्डे, स्वामी विवेकानंद ब्रह्मचारी, बाल मुकुंदानंद ब्रह्मचारी, अंकुश शुक्ला, सागर ओझा, अनूप भारद्वाज, पंडित शिवकुमार शर्मा आदि मौजूद रहे। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत-hindusthansamachar.in