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उत्तराखंड

बसंत पंचमी पर श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर की मां सरस्वती की पूजा

Raftaar Desk - P2

ऋषिकेश, 16 फरवरी (हि.स.)। बसंत पंचमी पर्व पर श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर मां सरस्वती की पूजा करने के उपरांत गरीबों में दान दक्षिणा देकर पुण्य का लाभ लिया। वहीं बसंत पंचमी भरत मंदिर मेला समिति द्वारा भगवान विष्णु (विष्णु रूप हृषिकेश भगवान) की बैंड बाजों के साथ धूमधाम से डोली भी निकाली गई। भगवान विष्णु की डोली को प्रातः गंगा स्नान कराए जाने के बाद नगर में धूमधाम के साथ निकाली गई, जोकि मायाकुंड से होते मुखर्जी मार्ग, हरिद्वार रोड क्षेत्र से होकर अपने प्रारंभिक स्थल भगवान भरत मंदिर में जाकर समाप्त हुई। डोली के जुलूस में बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने भी भाग लिया। उल्लेखनीय है कि हिंदू धर्म में बसंत पंचमी या वसंत पंचमी का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था। बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा के साथ गंगा स्नान का भी महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। बसंत पंचमी के दिन अबूझ मुहूर्त होता है जिसमें विवाह, सगाई और निर्माण जैसे शुभ कार्य बिना मुहूर्त के किए जाते हैं। ॉ कहते हैं कि अगर कुंडली में विद्या बुद्धि का योग नहीं है, या शिक्षा में बाधा आ रही है तो बसंत पंचमी के दिन पूजा करके उसे ठीक किया जा सकता हैं। वहीं बसंत पंचमी के दिन कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। बसंत पंचमी के दिन न करें ये गलतियां- बसंत पंचमी के दिन पीले या सफेद वस्त्र पहनने चाहिए। काले या लाल वस्त्र न पहनें। मां सरस्वती की पूजा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके शुरू करनी चाहिए। बसंत पंचमी के दिन पूजा सूर्योदय के बाद ढाई घंटे या सूर्यास्त के बाद के ढाई घंटे में करनी चाहिए। इस दिन पूजा के दौरान मां सरस्वती को पीले या सफेद पुष्प जरूर अर्पित करने चाहिए। प्रसाद में मिसरी, दही व लावा आदि का प्रयोग करना चाहिए। इस दिन वाद-विवाद से बचना चाहिए। हिन्दुस्थान समाचार /विक्रम-hindusthansamachar.in