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उत्तराखंड

निरंजनी अखाड़ा रेवड़ी की तरह बांटता हैं महामंडलेश्वर के पदः स्वामी शिवानंद

Raftaar Desk - P2

हरिद्वार, 17 अप्रैल (हि.स.)। मातृ सदन के प्रमुख स्वामी शिवानंद ने कहा कि हरिद्वार महाकुंभ की समाप्ति की घोषणा करने में ऐसे अखाड़े शामिल हैं, जो शाही स्नान करने में सबसे आगे रहते हैं। इतना ही नहीं शाही स्नान में इनके साथ अखाड़े के साधु-संत रहें न रहें, लेकिन वीवीआईपी गुप्ता ब्रदर्स इनके साथ जरूर होते हैं। ये संत कुंभ में महामंडलेश्वर के पद को रेवड़ी की तरह बांट रहे हैं। निरंजनी अखाड़े की ओर से कुंभ समाप्ति की घोषणा के बाद अखाड़ों की रार खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। जहां निरंजनी अखाड़े के फैसले का विरोध बैरागी अखाड़े के साथ-साथ जगद्गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने भी किया है तो वहीं मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने निरंजनी अखाड़े पर धर्म के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि ये वही अखाड़ा है, जो शाही स्नान में तो सबसे आगे रहता है, जिनके शाही स्नान में संत रहें न रहें, लेकिन वीवीआईपी जरूर रहते हैं। स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कहा कि अगर यह अखाड़ा अपने यहां आए संतों की कोविड जांच किए बिना भेज देगा तो जो लोग संक्रमित होंगे, वे देशभर में कोरोना फैलाएंगे। उसका जिम्मेदार कौन होगा? शिवानंद ने सवाल खड़ा किया कि जब कुंभ में आने वाले श्रद्धालु अपनी कोविड की निगेटिव रिपोर्ट लेकर आते हैं तो वीवीआईपी क्यों नहीं? जो कोरोना संक्रमण फैल रहा है, वो निगेटिव रिपोर्ट लेकर आने वाले यात्रियों ने नहीं फैलाया तो फिर किसने फैलाया है? उन्होंने कहा कि जब कुंभ योग नहीं था तो उनके लिए कुंभ पर्व था। अब 14 मई तक कुंभ योग है तो ये लोग कुंभ समाप्ति की बात कर रहे हैं। जो लोग समय से पहले ही कुंभ समाप्ति की बात कर रहे हैं, उन्हें अगले कुंभ में नहीं जाना चाहिए। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत