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उत्तराखंड

शुभ संकेत लेकर आया है नवसंवत्सर आनंद: डॉ. पण्ड्या

Raftaar Desk - P2

हरिद्वार,14 अप्रैल (हि.स.)। जिला प्रशासन ने कोरोना नियमों का पालन करते हुए नवरात्र पर शांतिकुंज में गायत्री साधकों को अपने घरों, गायत्री शक्तिपीठों, प्रज्ञापीठों में ही जप, तप करने के निर्देश दिए हैं। अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या ने बताया कि सभी गायत्री साधक नियमों को पालन करते हुए साधना कर रहे हैं। नवरात्र साधना के दूसरे दिन साधकों को ऑनलाइन संबोधित करते हुए डॉ. पण्ड्या ने कहा कि विगत संवत्सर प्रमादी में दुनिया ने कई कष्ट देखे हैं, जबकि नवसंवत्सर आनंद शुभ संकेत लेकर आया है। इस वर्ष हम अपने प्रमादी आचरण को दूरकर आनंदित होने का अवसर ढूंढे। साधक नवरात्र साधना से अपने अंदर शक्ति, स्फूर्ति, ऊर्जा का जागरण करें। उन्होंने कहा कि नकारात्मक सोच और साधना की कमी से संत भाव दिखती होती है और सकारात्मक सोच एवं साधनात्मक व्यवहार से संत भाव प्रकट होते हैं। इस स्वरूप को श्रीरामचरित मानस में तुलसीदास ने स्पष्ट उल्लेख किया है। राक्षसराज रावण के राज्य में भी विभीषण, त्रिजटा आदि संत प्रवृति के थे। डॉ. पण्ड्या ने कहाकि संत एवं असंत के आकार प्रकार प्रायः एक जैसे होते हैं, लेकिन उन्हें उनके आचरण से ही समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि भगवान के अवतार की कथा सुनने का लाभ तभी है, जब हमारे अंदर आदर्शों का अवतरण हो, हमारे मन में बैठे रावण की लंका जले एवं हृदय में भगवान श्रीराम स्थपित हों। इस दौरान उन्होंने अनेक साधकों की जिज्ञासाओं का भी समाधान किया। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत