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उत्तराखंड

चारधाम यात्रा स्थगित करने से पहले सरकार को बेरोजगार लोगों के बारे में सोचना चाहिए था : मोहन ढौंडियाल

Raftaar Desk - P2

रुद्रप्रयाग, 29 अप्रैल (हि.स.)। उत्तराखंड प्रगतिशील पार्टी के प्रदेश संयोजक मोहन ढौंडियाल ने कहा कि चारधाम यात्रा स्थगित करने से पहले सरकार को बेरोजगार लोगों के बारे में सोचना चाहिए था। केदारघाटी के लोग छह माह यात्रा पर निर्भर रहते हैं और सालभर तक अपनी आजीविका चलाते हैं। पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी चारधाम यात्रा के स्थगित होने से लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। उत्तराखंड प्रगतिशील पार्टी के केदारनाथ विधानसभा संयोजक उमेश नौटियाल ने कहा कि सरकार अगर चाहे तो अभी से आंशिक रूप से यात्रा को सुचारू चलने की इजाजत दे सकती है, ताकि उत्तराखंड के जो श्रद्धालु चारधाम यात्रा के दर्शन के लिए जाना चाहते हैं, उन्हें कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए निगेटिव रिपोर्ट लेकर यात्रा की इजाजत दी जा सकती है। क्षेत्र में स्थानीय लोगों का यह एकमात्र रोजगार है, जो चारधाम यात्रा के रूप में हर वर्ष कुछ महीनों के लिए मिलता है। प्रदेश सरकार को इस विषय में गंभीरता से सोचना चाहिए एवं जो लोग इस चारधाम यात्रा में अपना रोजगार करते हैं और अपना जीवन यापन करते हैं उन सभी को कुछ ना कुछ आर्थिक मदद दी जा सके। अन्यथा यात्रा को आंशिक रूप से चलने दिया जाए, ताकि जो भी यात्री चारधाम यात्रा के दर्शन के लिए आएंगे, उनसे कुछ ना कुछ रोजगार के साधन भी उपलब्ध होगा और स्थानीय लोग कम से कम इस महामारी के संकट में दो पैसे का कारोबार कर अपना घर-परिवार चलाएंगे। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित / वीरेन्द्र