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उत्तराखंड

गायत्री परिवार ने विश्व शांति की कामना के साथ किया शिवाभिषेक

Raftaar Desk - P2

हरिद्वार, 11 मार्च (हि.स.)। अखिल विश्व गायत्री परिवार का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रमुखद्वय डॉ प्रणव पण्ड्या एवं शैलदीदी ने विश्व में शांति की स्थापना की कामना के साथ आज शिवाभिषेक किया। इस अवसर पर विद्वान आचार्यों ने रुद्राष्टकम, महाकालाष्टकम, पुरुष सूक्त के साथ वैदिक मंत्रों के बीच सृष्टि के देवता भगवान भोलेनाथ का महाभिषेक का कर्मकाण्ड सम्पन्न कराया। वहीं सितार, डमरु, शंख, मृदंग आदि वाद्ययंत्रों के संगत के साथ संगीतज्ञों ने शिव आराधना एवं भोलेनाथ के विशेष गीत प्रस्तुत किया, जो लोगों के अंदर के तार को झूमने के लिए उल्लसित कर दिया। अपने संदेश में अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ प्रणव पण्ड्या ने कहा कि शिव आदियोगी हैं। शिव कल्याणकारी देवता हैं। वे अपने भक्तों की प्रार्थना बहुत जल्दी सुनते हैं। कल्याणकारी भावना के साथ आराधना से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। उन्होंने कहा कि शिव की साधना के नाम पर ही लोग अशिव आचरण करने लगते हैं। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर सामूहिक पर्वायोजन के माध्यम से फैली हुई भ्रांतियों का निवारण करते हुए शिव की गरिमा के अनुरूप उसके स्वरूप पर जन आस्थाएँ स्थापित की जानी चाहिए, ताकि व्यक्तिगत एवं सामूहिक रूप से पुण्य अर्जन और समाज कल्याण की दिशा में आगे बढ़ा जा सके। देसंविवि की कुलसंरक्षिका शैलदीदी ने महाशिवरात्रि पर्व को अपने अंदर एक महाकाल जगाने का महापर्व बताया। उन्होंने कहा कि जिस तरह त्रिकालदर्शी महादेव ने दूसरों के हित के लिए विषपान किया, उसी तरह गायत्री परिवार के जनक आचार्यश्री ने समाज के नवनिर्माण के लिए अनेक तरह के जहर को पीते हुए युग निर्माण की दिशा में सार्थक कदम बढ़ाया है। पुरुष सुक्त के साथ रुद्राभिषेक का वैदिक कर्मकाण्ड श्यामबिहारी दुबे एवं उदयकिशोर मिश्रा एवं उनकी टीम ने किया। उधर शांतिकुंज स्थित शिवालय में भी शिवभक्तों ने अभिषेक किया तथा अपने अंदर की एक बुराई छोड़ने एवं शिवत्व की ओर बढ़ने के लिए एक अच्छाई ग्रहण करने का संकल्प लिया। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत