Farming adopted after retiring, earning thousands of rupees
Farming adopted after retiring, earning thousands of rupees 
उत्तराखंड

रिटायर होने के बाद अपनाई खेती, कमा रहे हजारों रुपये

Raftaar Desk - P2

-जिलासू गांव के शिव सिंह ने 38 नाली भूमि में की फल-सब्जी की खेती -वर्ष 2000 में बीआरओ से सेवानिवृत्त होने के बाद शुरू किया काम गोेपेश्वर, 18 जनवरी (हि.स.)। सरकारी सेवा से रिटायर होने के बाद कई लोग स्वास्थ्य या अन्य कारणों से मैदानी इलाकों में मकान बनाकर रहने लगते हैं। इनमें से कुछ ऐसे होते हैं जो गांव में ही खेती- किसानी को अपनाते हैं। यह लोग परंपरागत खेती के बजाए नकदी फसलों पर ध्यान देकर हजारों रुपये की आय कर रहे हैं। ऐसे ही एक किसान हैं जिलासू गांव के शिव सिंह बडियारी। वह वर्ष 2000 में बीआरओ से सेवानिवृत्त हुए। इसके बाद शिव सिंह ने आम और सब्जियों की खेती शुरू की। वह वर्तमान में 40 से 60 हजार रुपये प्रति वर्ष मुनाफा कमा रहे हैं। जिलासू के 72 वर्षीय शिव सिंह बडियारी कहते हैं कि सेवानिवृत्त होने के बाद परंपरागत खेती में कोई लाभ नहीं मिल रहा था। इसके चलते वर्ष 2007-08 में करीब अपनी 38 नाली भूमि पर आम के पेड़ लगाए। जो अब फल दे रहे हैं। पूरे बगीचे में करीब 150 पेड़ हैं जो सीजन पर फल देते हैं। बीते साल उन्होंने 500 रुपये प्रति कैरेट (करीब 20 किलो) के हिसाब बगीचे में ही आम बेचे। अपने और रिश्तेदारों को भी वितरित किए। यही नहीं करीब 10 नाली भूमि में टमाटर, मटर, गोभी सहित अन्य सब्जियों की पैदावार भी कर रहे हैं। साथ ही तुलसी की खेती से भी मुनाफा कमा रहे हैं। चमोली के मुख्य उद्यान अधिकारी तेजपाल सिंह ने बताया कि उन्होंने खुद बडियारी के बगीचे का निरीक्षण किया। बडियारी प्रगतिशील किसान हैं। इनको हाल ही में बड़ा पॉलीहाउस विभाग ने दिया है। साथ ही प्रशिक्षण देकर अन्य विभागीय योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/जगदीश/मुकुंद-hindusthansamachar.in