ऋषिकेश, 25 जनवरी (हि.स.)। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने सोमवार को राष्ट्रीय पर्यटन दिवस के अवसर पर कहा है कि पर्यटन के लिए पर्यावरणीय शुचिता का होना जरूरी है। पूरी दुनिया अभूतपूर्व वायरस के कारण स्वास्थ्य, सामाजिक और आर्थिक समस्याओं का सामना कर रही है। पूरे विश्व का पर्यटन कारोबार थम सा गया है। भारत पर्यटन की दृष्टि से समृद्ध राष्ट्र है। उन्होंने कहा कि भारत का कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक हर क्षेत्र अपनी विशिष्टता, विविधता और अद्भुत संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। भारत का रेगिस्तान, सदानीरा नदियों, हरे-भरे वन, द्वीप, पर्वत, पठार व झरने आदि अनेक प्राकृतिक विशिष्टायें एवं विशेषतायें न केवल पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं बल्कि यह मन को शान्ति देने वाली भी है। उन्होंने कहा कि दुनिया में कहीं भी व किसी भी राष्ट्र की नदी और पर्वत शृंखलाने जनमानस को अपनी ओर इतना आकर्षित और प्रभावित नहीं किया है जितना मां गंगा और हिमालय ने किया है। गंगा और हिमालय को बचाने की जिम्मेदारी हम सब पर है। इसे सिर्फ पर्यावरणीय शुचिता से ही बचाया जा सकता है। इसके लिए सभी की भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। हिन्दुस्थान समाचार /विक्रम/मुकुंद-hindusthansamachar.in