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उत्तराखंड

पर्यावरण प्रेमी रिद्धिमा ने स्वामी शिवानंद,आत्मबोधानंद की तपस्या का किया समर्थन

Raftaar Desk - P2

हरिद्वार, 21 मार्च (हि.स.)। गंगा की अविरलता और खनन के विरुद्ध तपस्या पर बैठे मातृ सदन के स्वामी शिवानंद सरस्वती की तपस्या का रविवार को नौवां दिन है। ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद की तपस्या का 27वां दिन है। गंगा की अविरलता बनाए रखने व अन्य मांगों को लेकर तपस्यारत संतों के समर्थन में पर्यावरण एक्टिविस्ट रिधिमा पांडे ने मातृसदन पहुंचकर समर्थन दिया। रिद्धिमा पांडे ने कहा कि गंगा में एक तरफ सीवेज की गंदगी मिलाई जाती है और दूसरी तरफ उसी गंगा को मां बोल कर आरती की जाती है। अगर गंगा सच में मां है तो उनको आदर से रखना चाहिए। उन्होंने कहाकि आलीशान भवनों में रहने वाले संत जो अपने आप को स्वामी कहते हैं, वे सच्चे संत नहीं, बल्कि मातृसदन में गंगा के लिए तपस्या करने वाले सच्चे संत हैं। उन्होंने कहा कि मां गंगा की अविरल व निर्मलता के लिए वे अपने सभी फ्रेंड्स के साथ सोशल मीडिया पर कैंपेन शुरू करेंगी। मातृसदन के स्वामी शिवानंद ने कहा कि वह इस बार तपस्या मां गंगा के लिए तो कर ही रहे हैं साथ ही उनका उद्देश्य है कि इस बार तपस्या के दौरान वह अपना शरीर भी त्याग देंगे। उन्होंने कहान कि उन्हें किसी से उम्मीद नहीं है, जिस राज्य में तप की अवेलहना होती है वह राज्य कभी खुशहाल नहीं हो सकता। इसका परिणाम है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत को अपनी गद्दी से हटना पड़ा। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत/मुकुंद