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उत्तराखंड

औषधीय पादप महाकुंभ में उद्यमिता पर चर्चा

Raftaar Desk - P2

हरिद्वार, 10 अप्रैल (हि.स.)। गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के अंतर्गत भेषज विज्ञान विभाग में चल रहे औषधीय पादप महाकुम्भ 2021 में श्री गुरुराम राय विश्वविद्यालय से संकायाध्यक्ष डा. अलका एन चौधरी ने प्रतिभागियों को उद्यमिता की अवधारणा, महत्त्व, कार्यों के विषय में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नये औषधीय निर्माण तथा कॉस्मेटिक क्षेत्र से जुड़े उद्योगों को स्थापित करने में उद्यमिता के गुणों का होना आवश्यक है। उद्यमिता के मूल मंत्र अपने कार्य क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने में भी सहायक होते हैं। उद्यमिता में उद्यमी द्वारा वस्तु या सेवा के स्थान, रंग रूप आदि उपयोगिताओं का सृजन करके उसको समाज के लिए अधिक उपयोगी बनाया जाता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुमाऊं विश्वविद्यालय की विभागाध्यक्ष अर्चना नेगी साह ने की। उन्होंने कहा कि सफल उद्यमी में कार्य करने क्षमता, कार्य की पहल, व्यापक ज्ञान, आशावादी दृष्टिकोण, अनूकूलनशीलता, आत्मविश्वास, कठिन परिश्रम के प्रति रूझान एवं अनुशासन जैसी विशेषताएं विद्यमान होना आवश्यक है। औषधीय पादप महाकुम्भ के मुख्य आयोजक एवं भेषज विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर सत्येंद्र कुमार राजपूत ने उद्यमिता के प्रति जागरूकता एवं संवेदनशीलता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के संचालन विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. प्रिंस प्रशांत शर्मा ने किया। इस अवसर पर भेषज विज्ञान विभाग के शिक्षक डॉ. विपिन कुमार, आशीष पाण्डेय, डॉ. अभिषेक बंसल, रवि प्रताप, डॉ नरेश कुमार रांगरा, डॉ. रोहित भारद्वाज आदि उपस्थित रहे। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत/मुकुंद