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उत्तराखंड

आपदाः परिजनों की टूटने लगी आस

Raftaar Desk - P2

गोपेश्वर, 12 फरवरी (हि.स.)। चमोली जिले के तपोवन क्षेत्र में आई आपदा का शुक्रवार को छठा दिन है।प्रशासन के अनुसार 204 लोग लापता हुए थे। इनमें से 37 लोगों के शव मिल चुके हैं। अभी तपोवन-विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना की टनल में 30 से अधिक लोगों के फंसे होने की आशंका है। रेस्क्यू आपरेशन जारी है। टनल के अंदर फंसे लोग सकुशल होंगे, इसको लेकर परिजन चिंतित हैं। वह रेस्क्यू साइड पर टकटकी लगाए हैं। मगर बढ़ते वक्त के साथ ही टनल में फंसे लोगों के परिजनों की आस टूटने लगी है। तपोवन-विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना की स्केप टनल में फंसे लोगों की तलाश में आईटीबीपी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पुलिस प्रशासन की टीम जुटी हुई है। टनल में गाद युक्त मलबा होने से रेस्क्यू में दिक्कतें आ रही हैं। यहां मौजूद ढाक गांव निवासी बलवीर सिंह और भरत सिंह ने बताया कि उनका भाई परियोजना में पम्प चालक है। वह भी 7 फरवरी को टनल में कार्य कर रहा था। अब तक उसका पता नहीं है। घाट निवासी रणजीत सिंह का कहना है कि उनका भाई भी एनटीपीसी में कार्यरत था। अभी तक उसका भी सुराग नहीं मिल पा रहा है। टिहरी से अपने भाई की खोज में तपोवन पहुंचे सचिन बेहद परेशान हैं। शिमला के विकास भी अपने परिजन की खोज में छह दिन से तपोवन में हैं। हिन्दुस्थान समाचार/जगदीश/मुकुंद-hindusthansamachar.in