रुद्रप्रयाग, 14 जून (हि.स.)। बिजलीकर्मी की मौत के मामले में जन अधिकार मंच ने जिलाधिकारी से उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। सोमवार को जन अधिकार मंच के अध्यक्ष मोहित डिमरी और ज्येष्ठ प्रमुख सुभाष नेगी ने जिलाधिकारी से मुलाकात करते हुए कहा कि गत 12 जून को रतूड़ा में बिजली की लाइन पर काम करते हुए बिजलीकर्मी तहसील रुद्रप्रयाग के मदोला गांव निवासी दीपेंद्र कुमार की मौत हो गई थी। इस घटना की उच्चस्तरीय जांच की जाए कि लाइन पर काम करते समय लाइन में बिजली कैसे आई, जिससे बिजलीकर्मी की जान चली गई। जोखिमभरे कार्यों में इस प्रकार की लापरवाही भूल नहीं बल्कि गम्भीर अपराध है और इसके लिए जिम्मेदार कर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करते हुए सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। जिलाधिकारी को दिए पत्र में ज्येष्ठ प्रमुख सुभाष नेगी ने कहा कि उक्त कर्मचारी आउटसोर्सिंग कम्पनी के माध्यम से उत्तराखण्ड पावर कार्पोरेशन के विद्युत वितरण खण्ड रुद्रप्रयाग में सेवायोजित था और उसका जीवन बीमा भी नहीं कराया गया था। यह सेवायोजकों द्वारा अपने कार्मिकों के प्रति गम्भीर लापरवाही ही नहीं बल्कि अपराध की श्रेणी में आता है। इस प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की जाय और परिवार को कोरोना फ्रंटलाइन वारियर्स के लिए घोषित 10 लाख रुपये का मुआवजा और उसकी पत्नी को नौकरी दी जाए। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित