हरिद्वार, 14 जनवरी (हि. स.)। जिला उपभोक्ता आयोग ने बीमा कंपनी को उपभोक्ता सेवाओं में कमी व लापरवाही बरतने का दोषी पाया। आयोग ने स्थानीय बीमा कंपनी समेत चार प्रतिनिधियों को बीमा पॉलिसी में जमा कराई गई धनराशि 96 हजार 202 रुपये छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से भुगतान करने और क्षतिपूर्ति व शिकायत खर्च के रूप में 10 हजार रुपये शिकायतकर्ता को अदा करने के आदेश दिए हैं। शिकायतकर्ता अनुप प्रकाश भारद्वाज पुत्र महेश चंद शर्मा निवासी विष्णु गार्डन कनखल ने एक शिकायत स्थानीय ब्रान्च ऑफिस, एचडीएफसी स्टैंडर्ड लाइफ इंश्योरेंस कंपनी समेत बीमा कम्पनी के प्रतिनिधियों के खिलाफ दायर की थी। शिकायतकर्ता ने बताया था कि उसने बीमा कंपनी से एक स्कीम यूनिट लिंक यंग स्टार प्रीमियम 10 हजार रुपये सालाना प्रीमियम की एक पॉलिसी ली थी। बीमा कंपनी के प्रतिनिधि ने शिकायतकर्ता को समय-समय पर प्रीमियम धनराशि जमा करने सूचना देने का आश्वासन दिया था। शिकायतकर्ता ने वर्ष 2007 से वर्ष 2012 तक प्रति वर्ष 10 हजार रुपये बीमा पॉलिसी में जमा किए थे। जिनकी रसीद उसके पास है। लेकिन वर्ष 2012 के बाद बीमा कंपनी के प्रतिनिधि ने कोई सूचना नहीं दी थी, जिस पर शिकायतकर्ता तयावधि में प्रीमियम धनराशि जमा नहीं कर पाया था।बीमा कंपनी के कर्मचारियों की लापरवाही से उसे नुकसान उठाना पड़ा। यही नहीं,शिकायतकर्ता को उक्त पॉलिसी के लाभ से भी वंचित रहना पड़ा। अप्रैल 2019 में शिकायतकर्ता को बताया गया कि उसकी पॉलिसी लावारिस में बंद है। इस पर शिकायतकर्ता ने आयोग की शरण ली थी। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत-hindusthansamachar.in