नई टिहरी, 06 अप्रैल (हि.स.)। गंगा भागीरथी बोट यूनियन से जुड़े पदाधिकारियों और सदस्यों ने मंगलवार को सरकार के खिलाफ कोटी में धरना-प्रदर्शन किया। इन लोगों का आरोप है कि सरकार उन पर अनाप-शनाप फैसले थोप रही है। गंगा भागीरथी बोट यूनियन के संरक्षक कुलदीप पंवार ने कहा है कि हर साल हर बोट का सवा लाख रुपये वसूला जाता है, लेकिन सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं दिया जाता है। अनाप-शनाप फैसलों से बोट संचालन व्यवसाय ठप हो गया है। ऐसे फैसलों से बेरोजगार युवाओं को मदद की जगह परेशान किया जा रहा है। आपदा सहित कोर्ट में मामला होने चलते लंबे समय तक बोट संचालन का काम ठप रहा है। कोरोना के चलते भी महीनों तक बोट संचालन चौपट रहा। इससे बोट संचालकों को बेरोजगारी के साथ ही खासा नुकसान झेलना पड़ा है। अब मामला पटरी पर आने लगा तो सरकार ने बार्डर पर कोविड सैंपलिंग शुरू कर दी है। इससे पर्यटक आने बंद हो गए हैं। इस वजह से बोट संचालन बंद होने की कगार पर है। उन्होंने कहा बीते रोज आग बुझाने को पानी भरने आये वायु सेना के हेलिकाप्टर के मद्देनजर बोटिंग बंद करवा दिया गया। यह काम डोबरा में भी किया जा सकता था। हिन्दुस्थान समाचार/प्रदीप डबराल/मुकुंद