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उत्तराखंड

भारत के लोकतंत्र में बाबा साहेब के योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता: प्रो रविकांत

Raftaar Desk - P2

ऋषिकेश, 14 अप्रैल (हि.स.)। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में बुधवार को संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती पर उनका भावपूर्ण स्मरण किया गया। इस अवसर पर एम्स प्रोफेसर रवि कांत की अगुवाई में संस्थान के अधिकारियों, चिकित्सकों व फैकल्टी सदस्यों ने उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। बाबा साहेब की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में एम्स प्रो. रवि कांत ने कहा कि डॉ. आंबेडकर का भारत के लोकतंत्र में योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता। उन्होंने समाज के शोषित वर्ग से अपनी काबिलियत के बूते आगे निकलकर भारत ही नहीं दुनिया में जो मुकाम हासिल किया, उसकी सबसे बड़ी वजह उनकी शिक्षा, ज्ञान व बुद्धिमत्ता थी। उन्होंने बताया कि डॉ. आंबेडकर को कोलंबिया व इंग्लैंड प्रवास के समय काल में जिन देश-दुनिया के लोगों से उनका विमर्श हुआ, इससे उनका वैचारिक फलक व्यापक हुआ और वह सामाजिक परिवर्तन के लिए वृहद स्तर पर सोच सके। अर्थात इसका स्पष्ट संदेश है कि व्यक्ति के जीवन में शिक्षा व अनुभव खास मायने रखता है। लिहाजा हमें अपने छोटे से दायरे से निकलकर अपने वैचारिक धरातल व विजन को व्यापक फलक देना चाहिए। एम्स प्रो. रवि कांत ने कहा कि सामान्य परिवार में जन्मे डॉ. आंबेडकर ने उस दौर में समाज में अपना विशेष व सम्मानजनक स्थान बनाया, जिस दौर में एक बड़े व संपन्न परिवार का व्यक्ति भी यह सब हासिल करने की कल्पना भी नहीं कर सकता था। बाबा साहेब से हमारे चिकित्सकों को विश्व से सीखने व विश्व को सिखाने की प्रेरणा लेनी चाहिए। साथ ही चिकित्सा के क्षेत्र में देश- विदेश में जो भी बेहतरीन तकनीक उपलब्ध हैं, उसका लाभ अपने मरीजों को उपलब्ध कराने का प्रयास करना चाहिए। हिन्दुस्थान समाचार /विक्रम