हरिद्वार, 09 जनवरी (हि.स.)। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाकुंभ मेले को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने शनिवार को मेला अधिकारी दीपक रावत और अपर मेला अधिकारी हरबीर सिंह से कुंभ मेले की व्यवस्था को लेकर गहन चर्चा की। श्री पंचायती अखाड़ा निरजनी में श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा कि कुंभ मेला हमारी भारतीय सनातन परंपराओं की अदभुत पहचान है। यहां सभी अखाड़ों के संतों के शिविर लगते हैं। यह कुंभ भी 2010 जैसा होगा। बाहर से नागा संन्यासी एवं खालसे भी हरिद्वार आएंगे। कमरे में कुंभ नहीं होगा। सभी संन्यासी अखाड़ों व वैष्णव अखाड़ों के संतों के निवास के लिए शिविर लगाए जाएंगे। महाण्डलेश्वर नगर भी बसाया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिविर स्थापना के लिए जमीन आवंटन का काम जल्द शुरू किया जाए। कोराना का खतरा कम हो रहा है। इससे चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रयागराज का मेला प्रधानमंत्री मोदी एवं योगी ही दिव्य रूप में करा सकते थे। शायद ही कोई और ऐसा भव्य आयोजन करा पाए। इसकी प्रतीक्षा पूर विश्व में हो रही है। हरिद्वार कुंभ आयोजन में एक माह का समय शेष रह गया है। यदि सरकार संतों के शिविर की व्यवस्था नहीं कर सकती है तो हरिद्वार कुंभ की प्रशंसा कौन करेगा। अखाड़ा परिषद एक साल से कह रही है कि सरकार अपनी व्यवस्था पूर्ण रखे। यदि कोरोना ज्यादा फैलेगा तो मेले के स्वरूप पर निर्णय लेंगे। वर्तमान में कोरोना का प्रभाव ज्यादा नहीं है और कोरोना वैक्सीन भी देश में आ चुकी है। फिर मुख्यमंत्री यह बताएं कि समस्या क्या हैय़ यदि बजट की कमी है तो बताएं, उसके लिए अखाड़ा परिषद पदाधिकारी प्रधानमंत्री से मिलेंगे और अतिरिक्त बजट की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि कुंभ मेले की तैयारियां मन ह्रदय से होती है। इसके लिए तैयार रहना चाहिए। श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा कि रविवार को वह मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मिलकर उनके स्वास्थ्य लाभ की कामना करेंगे। साथ ही उनसे यह मांग करेंगे कि संतों के लिए शिविर लगाए जाने की सुविधाएं प्रदान करने के लिए मेलाधिकारी को निर्देशित करें। मेला अधिकारी दीपक रावत ने कहा कि मेला प्रशासन की तैयारियां पूरी हैं। कुंभ मेले से संबंधित सभी कार्य समय पर पूरे कर लिए जाएंगे। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीकांत/मुकुंद-hindusthansamachar.in