हाईकोर्ट ने गलत अपील दायर करने पर बीएसए के खिलाफ की कड़ी टिप्पणी
हाईकोर्ट ने गलत अपील दायर करने पर बीएसए के खिलाफ की कड़ी टिप्पणी 
उत्तर-प्रदेश

हाईकोर्ट ने गलत अपील दायर करने पर बीएसए के खिलाफ की कड़ी टिप्पणी

Raftaar Desk - P2

प्रयागराज, 17 दिसम्बर (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एकल पीठ का आदेश समझे बिना उसके खिलाफ अपील दाखिल करने पर बेसिक शिक्षा अधिकारी बिजनौर के खिलाफ कड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने चेतावनी दी है कि भविष्य में इस प्रकार का काम न करें जिससे बेवजह मुकदमेबाजी को बढ़ावा मिले। प्रदीप कुमार व आठ अन्य के मामले में एकलपीठ के आदेश को चुनौती देने वाली बीएसए बिजनौर की अपील पर न्यायमूर्ति एमएन भंडारी और न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की पीठ ने यह टिप्पणी की। एकल न्याय पीठ ने दिसम्बर 2019 में प्रदीप कुमार व अन्य के पक्ष में निर्णय दिया था कि याचीगण को उनकी मूल नियुक्ति की तिथि से नियमित मानते हुए सभी परिणामी लाभ दिए जाएं। याचीगण की नियुक्ति विभिन्न तिथियों पर अनुकंपा के आधार पर हुई थी। बीएसए ने उनकी सेवाएं नियुक्ति के दस-पंद्रह वर्ष बाद नियमित की थी। जिसे एकलपीठ में चुनौती दी गई थी। बीएसए ने एकलपीठ के आदेश को यह कहते हुए चुनौती दी कि एकलपीठ ने याचीगण को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने का निर्देश दिया है। जबकि इनमें से कुछ याचियों की नियुक्ति 2004 के बाद हुई है, जब पुरानी पेंशन योजना बंद हो चुकी थी। कोर्ट ने कहा कि बीएसए ने बिना एकलपीठ के आदेश को ठीक समझे उसके खिलाफ अपील दाखिल की है। एकल न्यायपीठ ने अपने आदेश में कहीं भी पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने का जिक्र नहीं किया है। बल्कि पीठ ने याचीगण की सेवाएं उनकी नियुक्ति की तिथि से नियमित मानते हुए परिणाम लाभ देने का देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने अपील को बेवजह मानते हुए इसे खारिज कर दिया है। साथ ही बीएसए को चेतावनी दी है कि वह अपील दाखिल करते समय सावधानी बरतें क्योंकि इससे बेवजह की मुकदमेबाजी बढ़ती है। हिन्दुस्थान समाचार/आर.एन/दीपक-hindusthansamachar.in