बैंकों की उदासीनता से मंडल की रोजगारपरक योजनाओं की फाइलें अटकी
बैंकों की उदासीनता से मंडल की रोजगारपरक योजनाओं की फाइलें अटकी  
उत्तर-प्रदेश

बैंकों की उदासीनता से मंडल की रोजगारपरक योजनाओं की फाइलें अटकी

Raftaar Desk - P2

बांदा, 19 दिसम्बर (हि.स.)। बेरोजगारी व कोविड-19 के कारण उत्पन्न आर्थिक मंदी से उबरने के लिए भारत सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा तमाम रोजगारपरक योजनाएं चलाई जा रही हैं। इनमें प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना तथा एक जनपद एक उत्पाद ऋण योजना शामिल है। लेकिन बैंकों की उदासीनता से लाभार्थियों की फाइलें बैंकों में ही अटकी है जिससे लाभार्थियों को लाभ नहीं मिल पा रहा हैैै। शासन द्वारा ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार से जोड़ने की मुहिम चलाई जा रही है लेकिन जिस तरह से लाभार्थियों की फाइल बैंक में पहुंचकर अटक जाती है उससे लाभार्थियों का उत्साह ठंडा पड़ जाता है। जिस तरह रोजगार परक योजना में लाभार्थियों का चयन कर बैंकों में फाइलें भेजी जाती हैं बैंकों द्वारा रुचि न लिए जाने से बड़ी तादाद में लाभार्थियों की फाइलें निरस्त कर दी जाती हैं। जिससे बड़ी मुश्किल में 5 या 10 प्रतिशत लाभार्थियों को ही लाभ मिल पा रहा है। इधर, शासन द्वारा ऋण वितरण का जो लक्ष्य निर्धारित था वह भी पूरा नहीं हो सका है इसके लिए 3 दिन पहले चित्रकूट मंडल के कमिश्नर ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए थे कि हर हालत में इसी महीने लाभार्थियों को ऋण वितरित करा दिया जाए। इस संबंध में जिला अधिकारी बांदा आनंद कुमार सिंह ने भी तीनों योजनाओं की समीक्षा करते हुए बैंकों को निर्देशित किया है कि बिना कोई ठोस कारण से यदि कोई प्रकरण निरस्त किया गया है तो संबंधित बैंक के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। वही उपायुक्त उद्योग जहीरूद्दीन ने बताया कि बैंक उक्त तीनों योजनाओं में लाभार्थियों का सहयोग कर शासन द्वारा निर्धारित तिथि 1 दिसंबर 2020 तक स्वीकृति तथा वितरण का लक्ष्य पूरा करेंगे। एक जनपद-एक उत्पाद योजना एक जनपद एक उत्पाद प्रदेश सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना है इस योजना के तहत चित्रकूट मंडल के चारों जनपदों में बांदा जनपद से सजर पत्थर, चित्रकूट से लकड़ी खिलौने, हमीरपुर से जूती उद्योग एवं महोबा से गौरा स्टोर पर नक्काशी उत्पाद का चयन किया गया है।शासन की मंशा के अनुरूप इस योजना के तहत को ओडीओपी प्रशिक्षण का आयोजन किया गया, इसके लिए जिलेवार आवेदन किए गए थे। जैसे बांदा से 37 फाइलें बैंकों में भेजी गई। इनमें पांच स्वीकृत और चार को ऋण वितरित हुआ। हमीरपुर में 76 लाभार्थियों की फाइल बैंक भेजी गई, इनमें से 21 स्वीकृत हुई और 11 लाभार्थियों को अबतक ऋण वितरित किया गया। महोबा में 107 लाभार्थी चयनित कर फाइलें बैंक भेजी गई बैंक द्वारा सिर्फ 19 लाभार्थी स्वीकृत कर 12 लोगों को ऋण बांटा गया। वहीं चित्रकूट में पचासी आवेदन बैंकों को भेजे गए। इनमें से 19 स्वीकृत हुए और सिर्फ 10 को ऋण वितरित किया गया। इस तरह इस योजना के तहत 305 लाभार्थी पात्र थे इनमें से बैंक ने मात्र 64 लाभार्थियों की फाइल स्वीकृत कर आधे लाभार्थियों यानी 37 व्यक्तियों को ऋण वितरित किया। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम इस योजना के तहत चित्रकूट मंडल के 759 लाभार्थियों की फाइलें बैंक भेजी गई इनमें से 119 स्वीकृत हुई और 67 लाभार्थियों को लाभ मिल सका, इनमें बांदा में 235 लाभार्थियों की फाइल बैंक भेजी गई इनमें 21 स्वीकृत और 7 को ऋण वितरित हुआ। हमीरपुर में 122 फाइलें गई 23 स्वीकृत हुई 16 को लाभ मिला। महोबा में 241 फाइलें भेजी गई इनमें मात्र 29 स्वीकृत हुई और आधे लगभग 15 को ऋण मिला वही चित्रकूट में 161 व्यक्तियों को चयनित कर इन की फाइलें बैंक भेजी गई, बैंक ने 46 फाइलें स्वीकृत कर 29 को ऋण वितरित किया गया। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना इस योजना के तहत चित्रकूट मंडल के चारों जनपदों से 509 फाइलें बैंकों में भेजी गई इनमें से मात्र 102 स्वीकृत हुई और 70 व्यक्तियों को ऋण मिल सका। जिलेवार स्थिति पर नजर डालें तो बांदा 147 लाभार्थियों में से 18 की फाइलें स्वीकृत 8 को ऋण मिला। हमीरपुर में 111 व्यक्तियों के आवेदन बैंकों में भेजे गए इनमें से 20 स्वीकृत हुए और 18 को ऋण मिल गया है।महोबा में 107 में 20 स्वीकृत हुए 16 को मिला चित्रकूट में 144 आवेदन पत्रों में बैंक ने 44 स्वीकृत किए और 28 को ऋण वितरित किया। हिन्दुस्थान समाचार/अनिल/मोहित-hindusthansamachar.in