कानपुर से रोजगार की तलाश में लखनऊ आया मजहर बेच रहा काजू-किशमिश
कानपुर से रोजगार की तलाश में लखनऊ आया मजहर बेच रहा काजू-किशमिश 
उत्तर-प्रदेश

कानपुर से रोजगार की तलाश में लखनऊ आया मजहर बेच रहा काजू-किशमिश

Raftaar Desk - P2

लखनऊ, 24 नवम्बर(हि.स.)। लॉकडाउन में खुद का काम धंधा उजड़ने के बाद कानपुर जनपद का निवासी मजहर हुसैन अपने जिले से रोजगार की तलाश में लखनऊ आया है। मजहर को जब कहीं काम नहीं मिला तो उसने शहजाद भाई मेवा वाले की मदद से ठेला गाड़ी पायी और फेरी लगाकर काजू-किशमिश बेचने लगा। निराला नगर कालोनी में फेरी लगाते हुए मजहर ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से उनके रफ्फू करने का काम उजड़ गया। उनके जैसे छोटे काम करने वाले रोजमर्रा के दुकानदार भी उजड़ गये। कानपुर महानगर में फिर से काम जमाने के लिए दुकान तो खोली लेकिन जब एक महीने तक कोई ग्राहकी नहीं हुई तो उन्होंने राजधानी का रास्ता किया। बताया कि लखनऊ में शहजाद भाई ने उसका नगर निगम से रजिस्ट्रेशन करा के एक ठेला गाड़ी दिलाई है। उसी ठेला गाड़ी पर काजू—किशमिश, बादाम, गोंद लादकर बेच रहा हूं। बाजार की कीमतों से सस्ते होने के कारण उसके माल की बिक्री होती है। यह स्वास्थ्य के लिए नुकसान दायक नहीं है। ज्यादातर लोग मेवा खाना पसंद करते हैं। उन्होंने रेट का जिक्र करते हुए बताया कि 250 ग्राम के डब्बे में मेवा आता है। काजू 250 ग्राम का रेट 200 रुपये, बादाम भी 200 रुपये 250 ग्राम है। किशमिश का डिब्बा 100 रुपये में 250 ग्राम उपलब्ध है। ये सभी मेवा कश्मीर से आता है। लखनऊ में इसे खूब पसंद किया जाता है। बताया कि काजू किशमिश बेचने से परिवार का जीविकोपार्जन ठीक से चल रहा है। हिन्दुस्थान समाचार/शरद/राजेश-hindusthansamachar.in