उद्यमिता विद्यापीठ में विराजमान मां दुर्गा के प्रतिदिन बदलते स्वरूप के दर्शन करने आते हैं श्रद्धालु
उद्यमिता विद्यापीठ में विराजमान मां दुर्गा के प्रतिदिन बदलते स्वरूप के दर्शन करने आते हैं श्रद्धालु 
उत्तर-प्रदेश

उद्यमिता विद्यापीठ में विराजमान मां दुर्गा के प्रतिदिन बदलते स्वरूप के दर्शन करने आते हैं श्रद्धालु

Raftaar Desk - P2

चित्रकूट, 21 अक्टूबर (हि.स.)। जहां मोक्ष है वहां भोग नहीं और जहां भोग है वहां मोक्ष नहीं है किन्तु माँ आम्बा की साधना से मानव को भोग एवं मोक्ष दोनों की शक्ति प्राप्त होती है। कुछ ऐसा ही भक्ति भाव दीनदयाल शोध संस्थान चित्रकूट के उद्यमिता विद्यापीठ परिसर में विराजमान मां दुर्गा की प्रतिमा के दर्शन करने आये श्रद्धालुओं में नजर आया। दीनदयाल नवदुर्गा उत्सव के पांचवे दिन आरती में आरोग्यधाम, उद्यमिता एवं ग्रामोदय विश्वविद्यालय परिसर तथा स्फटिक शिला एरिया के लोगों ने आरती में सम्मिलित होकर मां की पूजन-अर्चन किये। बुधवार को नवदुर्गा उत्सव समिति के संयोजक एवं गुरुकुल संकुल के प्रभारी संतोष मिश्र ने बताया कि कोरोना के चलते इस बार शासन की गाइडलाइन का पालन करते हुए सीमित दायरे में ही नवदुर्गा उत्सव का आयोजन किया जा रहा है, इस बार आरती में भी नगर के गणमान्य लोगों एवं मठ मंदिरों से संंत समाज की उपस्थिति की कमी भी खल रही है। उद्यमिता विद्यापीठ परिसर में दुर्गा उत्सव का आयोजन दीनदयाल नवदुर्गा समिति के लोगों द्वारा कई वर्षों से किया जा रहा है।उद्यमिता विद्यापीठ के संयोजक मनोज सैनी ने बताया कि इस उत्सव में सभी लोग ऊंच-नीच का भेद भुलाकर समरस भाव से इस आयोजन को चार चांद लगाने में लगे हुये है। लेकिन कोरोना की बजह से गत वर्षों की तरह प्रमुख सांस्कृतिक गतिविधियां एवं अन्य रचनात्मक कार्यक्रम नहीं किये जा रहे हैं। अनुष्ठान को विधि-विधान से करने के लिये कथा व्यास पं रामविशाल शुक्ल सुबह शाम पूजन-अर्चन करा रहे है। सुुुबह की आरती प्रातः 9 बजे एवं शाम की आरती 7:30 बजे सम्पन्न होती है। उन्होंने कहा कि कोई भी नवीन कार्य करने के लिये नवरात्रि को शुभ माना जाता है, जैसे ग्रह निर्माण, गृह प्रवेश, व्यापार, आदि करने के लिये शुभ योग माना जाता है। उन्होंने बताया कि जो भी माताएं, बहनें मैया जी की सच्चे मन से वृत रखती है तथा जो नित्य प्रतिदिन पूजा करता है, दुर्गा सप्तसती का पाठ करता है, मां दुर्गा चालीसा का पाठ करता है माता प्रसन्न होकर उसके सभी कार्य पूर्ण करती है। हिन्दुस्थान समाचार/रतन/मोहित-hindusthansamachar.in