ईद-उल-अजहा की तैयारी को लेकर असमंजस में लोग
ईद-उल-अजहा की तैयारी को लेकर असमंजस में लोग 
उत्तर-प्रदेश

ईद-उल-अजहा की तैयारी को लेकर असमंजस में लोग

Raftaar Desk - P2

शामली,19 जुलाई (हि. स.)। ईद-उल-अजहा (बकरीद) में 13 दिन शेष हैं। इस पर्व में कुर्बानी का महत्व होता है। अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं है कि कुर्बानी को लेकर क्या व्यवस्था बनाई जाएगी। ऐसे में लोग दुंबों और बकरों की खरीददारी भी नहीं कर रहे हैं। सभी काे सरकार और प्रशासन की गाइडलाइन का इंतजार है। ईद-उल-फितर का पर्व भी सादगी के साथ मनाया गया था। घरों में पूरे रमजान और ईद की नमाज अदा की गई थी। इस्लामिक साल के अंतिम महीने इदुल हिज्ज की 10वीं तारीख को ईद-उल-अजहा त्योहार मनाया जाता है। ऐसे में एक अगस्त को ईद-उल-अजहा है। धार्मिक स्थलों पर पांच से अधिक लोगों को एक साथ प्रवेश की अनुमति नहीं है तो इस दिन नमाज घरों में अदा की जाएगी। बकरे और दुंबों की कुर्बानी भी दी जाती है। इसके लिए शामली, कैराना, कांधला, जलालाबाद, थानाभवन, झिंझाना में बकरो की बिक्री भी खूब होती है। कुछ लोग काफी पहले ही खरीद लेते हैं, लेकिन अभी कोई भी नहीं खरीद रहा है। हालांकि बकरीद से चार-पांच दिन पहले ही अधिकतर लोग खरीददारी करते हैं। नौकुआं रोड निवासी गुलजार मंसूरी ने बताया कि कुर्बानी को लेकर कोरोनाकाल में क्या व्यवस्था रहेगी, उसी को ध्यान में रखते हुए तैयारी करेंगे। जामा मस्जिद बड़ा बाजार के शाही इमाम मौलाना शौकीन का कहना है कि सरकार और प्रशासन की जो भी गाइडलाइन होगी, उसका अनुपालन करते हुए बकरीद त्योहार मनाया जाएगा। इन्होंने कहा... ईद-उल-अजहा में अभी कुछ समय है। शासन की गाइडलाइन अभी नहीं आई है। गाइडलाइन के आने बाद जिले के लिए गाइडलाइन जारी की जाएगी। मुस्लिम धर्म गुरुओं के साथ बैठक भी होगी। -जसजीत कौर, जिलाधिकारी शामली हिन्दुस्थान समाचार/मोनू सैनी-hindusthansamachar.in