अटलजी ने एकात्म मानववाद पं दीनदयाल से अंगीकार किया : प्रो राकेश
अटलजी ने एकात्म मानववाद पं दीनदयाल से अंगीकार किया : प्रो राकेश 
उत्तर-प्रदेश

अटलजी ने एकात्म मानववाद पं दीनदयाल से अंगीकार किया : प्रो राकेश

Raftaar Desk - P2

- भूख, भय, भ्रष्टाचार मुक्त शासन ही सुशासन : कुलपति प्रयागराज, 26 दिसम्बर (हि.स.)। अटल बिहारी बाजपेयी जी ने एकात्म मानववाद दर्शन पंडित दीनदयाल उपाध्याय से अंगीकार किया। उनके दर्शन में दृढ़ राजनीतिक इच्छा शक्ति, शक्ति का मुकाबला शक्ति से करना, उनके जीवन दर्शन का मूल था। यह बातें मुख्य अतिथि प्रो. राकेश उपाध्याय, चेयर प्रोफेसर, भारत अध्ययन केंद्र, काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी ने उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विवि, प्रयागराज में अटल बिहारी वाजपेई सुशासन पीठ के तत्वावधान में साप्ताहिक अटल जन्मोत्सव समारोह के तीसरे सोपान में शनिवार को लोक व्यवस्था में अटल दर्शन विषय पर व्याख्यान में कहा। उन्होंने अटलजी की स्वरचित कविताओं के माध्यम से लोक व्यवस्था एवं जीवन दर्शन को भी प्रस्तुत किया। अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह ने कहा कि भूख, भय, भ्रष्टाचार मुक्त शासन ही सुशासन है। जो लोक व्यवस्था और जीवन दर्शन का मूल आधार है। अटलजी का मानना था कि वैचारिक विषमताओं के आधार पर संवाद को बंद नहीं किया जा सकता। संयोजक प्रो. पी.के पांडे ने अतिथियों का स्वागत एवं विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि लोक व्यवस्था एक ऐसी सामाजिक व्यवस्था है जो लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित है। संचालन राजमणि पाल ने एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ.उपेंद्र नाथ तिवारी ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के निदेशक, प्राध्यापक, परामर्शदाता एवं कर्मचारियों के साथ-साथ वर्चुअल प्रतिभागियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की। हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/मोहित-hindusthansamachar.in