अंग्रेजों ने जम्मू-कश्मीर में बनाई थी अनिर्णय की स्थिति: आशुतोष
अंग्रेजों ने जम्मू-कश्मीर में बनाई थी अनिर्णय की स्थिति: आशुतोष 
उत्तर-प्रदेश

अंग्रेजों ने जम्मू-कश्मीर में बनाई थी अनिर्णय की स्थिति: आशुतोष

Raftaar Desk - P2

मेरठ, 29 अगस्त (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर अध्ययन केंद्र दिल्ली के निदेशक आशुतोष भटनागर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को लेकर अंग्रेजों ने अनिर्ण की स्थिति कायम की थी। इसी कारण जम्मू-कश्मीर की समस्या पैदा हुई। 1950 के बाद भी वहां के लोग मुख्यधारा में शामिल नहीं हो पाए थे। कुछ ही मुट्ठी भर लोगों ने सारा लाभ लिया। पिछले वर्ष महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख अध्ययन केंद्र मेरठ चैप्टर एवं रक्षा अध्ययन विभाग मेरठ कॉलेज मेरठ के तत्वावधान में शनिवार को दो दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार शुरू हुआ। ’जम्मू-कश्मीर: अतीत, वर्तमान और भविष्य’ विषय पर आधारित वेबिनार के पहले दिन प्रथम सत्र का विषय ’चार अगस्त 2019 से पहले का जम्मू-कश्मीर’ रहा तो दूसरे सत्र का विषय ’पांच अगस्त 2019 के बाद का जम्मू-कश्मीर: अधिवासन एवं परिसीमन’ रहा। पहले सत्र में जम्मू-कश्मीर अध्ययन केंद्र नई दिल्ली के निदेशक आशुतोष भटनागर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनैतिक गठजोड़ है जो अभी भी मांग कर रहा है कि 35 ए को पुनर्जीवित किया जाए। इस स्थिति को बदलने की मांग लागू नहीं होगी। जम्मू-कश्मीर एक नए युग में प्रवेश कर चुका है। वहां की जनता ने भी भरपूर सहयोग दिया है। एक षड्यंत्र था जिसके तहत जम्मू-कश्मीर को अलग-थलग करके रखा गया। कश्मीर समस्या नहीं थी, कश्मीर में समस्या थी। कश्मीर में समस्या इसलिए थी कि वह भारत है। अगर वह भारत नहीं होता तो वहां कोई समस्या नहीं थी। भारत की समस्या को भारत को सुलझाना था। इस समस्या को सुलझाने के लिए जिस दिन भारत खड़ा हो गया, सरकार ने निर्णय ले लिया। उन्होंने कहा कि अभी पहला चरण पूरा हुआ है। बहुत बड़ा काम बाकी है। हमारा मुख्य काम एकात्मता का है। कश्मीर के लोगों को जोड़ना है। उन्हें अपने साथ एकाकार करना है। वो बहुत बड़ा काम है, जिसे करना बाकी है। कोई भी निर्णय सिर्फ सरकार के कारण नहीं होता है। विश्व की परिस्थितियों के आधार पर होता है। निश्चित रूप से आज विश्व की परिस्थितियां हमारे पक्ष में हैं। फिर भी तारीख बताना अनिश्चित है, लेकिन आने वाले वर्षों में हम इतिहास और भूगोल बदलता देखेंगे। दूसरे सत्र के मुख्य वक्ता अजय कुमार शर्मा ने कहा कि पांच अगस्त 2019 का दिन भारत के इतिहास में विषेश रूप उल्लेखनीय रहेगा। यह वो दिन है जिस दिन धारा 370 और 35 ए निष्प्रभावी हुआ और सम्पूर्ण भारत में भारतीय संविधान पूर्णरूपेण लागू हुआ। पिछले 10 वर्षों से जम्मू-कश्मीर अध्ययन केन्द्र द्वारा लगाातर अनथक प्रयास किए गए जिसका परिणाम आज विश्व पटल पर है। जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा हटाकर केन्द्र षासित प्रदेष बनाया गया। साथ ही लद्दाख के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए उसे भी केन्द्र शासितसित प्रदेश का दर्जा दिया गया। जम्मू-कश्मीर में मुस्लिम बहुसंख्यक थे, लेकिन गुर्जर और वाल्मीकि अल्पसंख्यक थे, लेकिन उन्हें आरक्षण से दूर रखा गया था। अब दो विधान, दो निशान और दो प्रधान वाले दिन हमेशा के लिए समाप्त हो गए हैं। इस मौके पर प्रो. भगवती शर्मा, अनुराग दीप, कार्यक्रम संयोजक डाॅ. संजय कुमार, डाॅ. रामकुमार गुप्ता, प्राचार्य डाॅ. युद्धवीर सिंह, डाॅ. रविन्द्र कुमार, डाॅ. दयानन्द द्विवेदी, डॉ. बीना राय आदि मौजूद थे। हिन्दुस्थान समाचार/कुलदीप-hindusthansamachar.in