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उत्तर-प्रदेश

योगी सरकार का ऐलान, केजीएमयू में बनेगी देश की दूसरी बीएसएल-4 लैब

Raftaar Desk - P2

-13 जिलों में निर्माणाधीन नये मेडिकल कॉलेजों के लिये 1,950 करोड़ की व्यवस्था लखनऊ, 22 फरवरी (हि.स.)। कोरोना संक्रमण काल में अपनी कार्यों से विश्वस्तर पर सराहना हासिल करने के बाद योगी सरकार ने अब स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने में जुटी हुई है। प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में सरकार ने इस बात का पूरा ध्यान रखा है। इसमें राजधानी लखनऊ के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में हाई कंटेनमेंट लैबोरेट्री बायोसेफ्टी लेवल-4 (बीएसएल-4) लैब की स्थापना की घोषणा की गई है। इस तरह नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) पुणे के बाद केजीएमयू में स्थापित होने वाली यह देश की दूसरी बीएसएल-4 लैब होगी। जहां दुनिया की रेयरेस्ट आफ रेयर डिजीज की जांच, उसके कारण व समाधान पर विस्तृत शोध किया जाएगा। इसमें कोरोना से भी खतरनाक माने जाने वाले जीका, मीका, निपाह जैसे वायरस की भी जांच किया जाना संभव होगा। इसके साथ ही सीवियर एक्यूट रेस्पिरेट्री सिंड्रोम, एवियन, स्वाइनफ्लू इन्फ्लूएंजा, कोरोनावायरस इत्यादि सभी जांच की जा सकेगी। यहां पर स्वास्थ्य कर्मियों को हाईकोस्ट ट्रेनिंग भी दी जाएगी। इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने एसजीपीजीआई में उन्नत मधुमेह केन्द्र की स्थापना का निर्णय किया है। प्रदेश के किसी भी संस्थान में यह लैब अभी नहीं है। इस लैब की स्थापना होने से मधुमेह रोगियों की मुश्किलें आसान होंगी। यहां मधुमेह के अत्याधुनिक कारणों व समाधान पर शोध किया जाएगा। बजट में चिकित्सा शिक्षा को लेकर अन्य अहम बिन्दुओं की बात करें तो 13 जनपदों बिजनौर, कुशीनगर, सुल्तानपुर, गोण्डा , ललितपुर, लखीमपुर-खीरी, चन्दौली, बुलन्दशहर, सोनभद्र, पीलीभीत, औरैया, कानपुर देहात तथा कौशाम्बी में निर्माणाधीन नये मेडिकल कॉलेजों के लिये 1,950 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही प्रदेश के 16 असेवित जनपदों में पीपीपी मोड में मेडिकल कॉलेज संचालित कराये जाने के लिए 48 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। वहीं राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के लिये 23 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है। इसके साथ ही एटा, हरदोई, प्रतापगढ़, फतेहपुर, सिद्धार्थनगर, देवरिया, गाजीपुर एवं मीरजापुर में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेजों में जुलाई, 2021 से शिक्षण सत्र प्रारम्भ किये जाने का लक्ष्य है। इसके लिए 960 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है। बजट में अमेठी एवं बलरामपुर में नये मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए 175 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा अटल बिहारी बाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ की स्थापना के लिए बजट में 100 करोड़ रुपये का इंतजाम किया गया है। असाध्य रोगों की चिकित्सा सुविधा मुहैया कराये जाने के लिए 100 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है। वहीं आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सालयों में प्रमाणित एवं गुणकारी औषधियों की आपूर्ति की व्यवस्था के लिए प्रदेश में दो राजकीय औषधि निर्माणशालाएं लखनऊ एवं पीलीभीत को सुदृढ़ करने एवं उत्पादन क्षमता में वृद्धि किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। हिन्दुस्थान समाचार/संजय