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उत्तर-प्रदेश

समलैंगिकता को आधार बनाकर सेवा से निकालना गलत : हाईकोर्ट

Raftaar Desk - P2

प्रयागराज, 09 फरवरी (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि समलैंगिकता को आधार बनाकर किसी को सेवा से बाहर करना गलत है। यह सुप्रीम कोर्ट द्वारा नवतेज सिंह जौहर केस के निर्देशों के विपरीत है। समलैंगिकता किसी व्यक्ति का व्यक्तिगत मामला है और यह उसके निजता के अधिकार के तहत आता है। कोर्ट ने बुलंदशहर में तैनात होमगार्ड को सेवा से बाहर करने का आदेश रद्द कर दिया है तथा कमाडेंट जनरल होमगार्ड को निर्देश दिया है कि याची होमगार्ड को तत्काल सेवा में वापस लिया जाए। पीड़ित होमगार्ड की याचिका पर न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल ने यह आदेश दिया। होमगार्ड को जिला कमाडेंट होमगार्ड ने 11 जून 2019 को जारी आदेश द्वारा सेवा से बाहर कर दिया था। होमगार्ड का अपने समलिंगी साथी के साथ एक वीडियो वायरल होने के बाद यह कार्रवाई की गई। कोर्ट ने इस मामले में जिला कमाडेंट होमगार्ड की ओर से कोर्ट में दाखिल जवाब में कहा गया कि होमगार्ड के अनैतिक लैंगिक क्रियाकलापों के कारण उसे सेवा से बाहर किया गया। कोर्ट ने कहा कि यह आदेश सुप्रीमकोर्ट द्वारा नवतेज केस में दी गई गाइड लाइन का उल्लंघन करता है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि कोई भी व्यक्ति किसके साथ रहना चाहता है, यह उसका व्यक्तिगत मामला है। इसे अपराध समझने वाला कोई भी कार्य उस व्यक्ति की निजता में हस्तक्षेप करना होगा। कोर्ट ने कहा कि समलिंगी या गे समाज के लोगों द्वारा एक दूसरे के प्रति सार्वजनिक लगाव का प्रदर्शन करना अशोभनीयता की श्रेणी में नहीं आता है। न ही इससे लोक शांति को कोई नुकसान होता है। हिन्दुस्थान समाचार/आरएन-hindusthansamachar.in