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उत्तर-प्रदेश

उप्र : 24 घंटों में रिकार्ड 783 मीट्रिक टन से अधिक हुई ऑक्सीजन की आपूर्ति

Raftaar Desk - P2

लखनऊ, 04 मई (हि.स.) प्रदेश में ऑक्सीजन की बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिये व्यापक स्तर पर कार्रवाई करते हुए ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ाई गयी है। बीते 24 घंटे में रिकार्ड 783.31 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति प्रदेश भर में की गयी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समस्या के स्थायी समाधान के लिए 300 नए ऑक्सीजन प्लांट लगाये जाने के निर्देश दिये हैं। राज्य सरकार की ओर ऑक्सीजन उत्पादन करने वाली इकाइयों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है तथा इसके लिये एक नीति बनायी गयी है। अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने बीते चैबीस घंटे में प्रदेश भर में हुई ऑक्सीजन की सप्लाई का विस्तृत विवरण देते हुए बताया कि 350.12 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति रिफीलर्स को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की ओर की गयी है। साथ ही शासन के प्रयासों के फलस्वरूप 309 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई प्रदेश के मेडिकल कालेजों व चिकित्सा संस्थानों को व 124.19 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति ऑक्सीजन सप्लायर्स द्वारा सीधे निजी चिकित्सालयों को की गई है। इस प्रकार कुल 783 मीट्रिक टन से अधिक ऑक्सीजन की सप्लाई बीते 24 घंटे में प्रदेश भर के सरकारी व निजी अस्पतालों में की गयी है। श्री अवस्थी ने बताया कि प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोविड उपचार के लिए डीआरडीओ की ओर से बनाये गये कोविड अस्पताल के लिए प्रतिदिन 10 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का आवंटन निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि अभी केवल परीक्षण कार्य के लिए आवश्यक ऑक्सीजन ही उपलब्ध करायी गयी है तथा जैसे ही यह कोविड अस्पताल कार्य प्रारम्भ कर देगा, इसे निर्धारित 10 मीट्रिक टन की आपूर्ति समय से सुनिश्चित करा दी जायेगी। उन्होंने ने बताया कि जिलेवार उपलब्ध ऑक्सीजन उत्पादन प्लांटस एवं उनकी क्षमता की लगातार समीक्षा की जा रही है। शासन द्वारा प्रदेश में ऑक्सीजन की मांग का भी जनपदवार विवरण तैयार किया गया है। भारत सरकार द्वारा प्रदेश को आवंटित ऑक्सीजन कोटा को देखते हुए उसके अधिकतम उठान के प्रयास निरन्तर जारी है। उप्र में क्रायोजेनिक टैंकर की उपलब्धता के अनुसार अधिकतम ऑक्सीजन लाने के हर संभव प्रयास किये जा रहे है जिसके लिये रेलवे की ओर से चलाई गई ऑक्सीजन एक्सप्रेस की मदद ली गयी है। प्रदेश में रिफलिंग यूनिटस की जिलेवार संख्या, क्षमता आदि का विवरण भी तैयार किया गया है। खाली टैकर्स के ऑक्सीजन रिफिलिंग प्लान्ट्स तक पहुंचने में समय की बचत के लिए हवाई मार्ग का सहारा लिया गया है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर प्रदेश में ऑक्सीजन की मांग को तत्परता से पूरा करने के उद्देश्य से गृह विभाग में बने एक विशेष कन्ट्रोल रूम के माध्यम से ऑक्सीजन आपूर्ति व्यवस्था की ऑनलाइन मानीटरिंग की जा रही है। इस कन्ट्रोल रूम में गृह विभाग, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, चिकित्सा शिक्षा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी व कर्मचारी लगातार 24 घंटे परस्पर समन्वय बनाकर कार्य कर रहे है। उप्र पहला राज्य रेलवे मार्ग से ऑक्सीजन लाने वाला भी उप्र पहला राज्य है। उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिये अन्य राज्यों यथा बिहार, उड़ीसा, बंगाल, झारखण्ड में स्थित ऑक्सीजन प्लान्ट से ऑक्सीजन प्रदेश में लाये जाने की व्यवस्था की गयी है जिसकी पूरी ऑनलाइन मानीटरिंग भी की जा रही है। उप्र की सीमा से अन्य राज्यों के द्वारा होकर आने वाले टैंकर को ग्रीन कारीडोर बनाकर उन्हे निर्धारित स्थान तक शीघ्र पहुंचाने की व्यवस्था भी की गई हैं। ऑक्सीजन के युक्तिसंगत,तर्कसंगत उपयोग कि के लिए ऑक्सीजन आडिट की व्यवस्था की गयी है ताकि उसकी बचत कर उसका सदुपयोग किया जा सके। इसके लिये आईआईटी कानपुर द्वारा साफ्टवेयर विकसित किया गया है। इस कार्य में आईआईएम लखनऊ, आईआईटी कानपुर व आईआईटी बीएचयू वाराणसी एकेटीयू, लखनऊ, एमएमटी0यू0 गोरखपुर, एचबीटीयू कानपुर, एनएनआईटी, प्रयागराज एवं एसजीपीजीआई द्वारा प्रदेश भर में ऑक्सीजन के आडिट कार्य में सहयोग लिया गया है। हिन्दुस्थान समाचार/दीपक