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उत्तर-प्रदेश

उप्र : पीएमजीएसवाई में फुल डेप्थ रिक्लेमेशन तकनीक का होगा इस्तेमाल, मुख्यमंत्री योगी ने देखा प्रस्तुतीकरण

Raftaar Desk - P2

कहा, पीडब्ल्यूडी तकनीक का अध्ययन कर जल्द करे कार्रवाई लखनऊ, 06 फरवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष शनिवार को यहां उनके सरकारी आवास पर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के अन्तर्गत ‘फुल डेप्थ रिक्लेमेशन तकनीक’ के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण किया गया। प्रस्तुतीकरण का अवलोकन करने के बाद उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक मानव जीवन को सुगम बनाने में उपयोगी सिद्ध हुई है। नई तकनीक को सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को इस तकनीक का अध्ययन कर शीघ्र कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आईआईटी चेन्नई, आईआईटी रुड़की के विषय-विशेषज्ञों सहित अन्य विशेषज्ञों ने भी ‘फुल डेप्थ रिक्लेमेशन तकनीक’ के सम्बन्ध में अपने विचार व्यक्त किए। मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुतीकरण अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज मनोज कुमार सिंह द्वारा किया गया। उन्होंने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना फेज-।।। वर्ष 2020-21 बैच-। के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा लगभग 4,178 करोड़ रुपये लागत के 6,287 किलोमीटर से अधिक लम्बाई के 898 मार्गों एवं 05 सेतुओं के प्रस्ताव अब तक स्वीकृत किए गए हैं। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि लगभग 3,046 करोड़ रुपये लागत के 2,416 किलोमीटर से अधिक की लम्बाई के 299 मार्गों का निर्माण ‘फुल डेप्थ रिक्लेमेशन तकनीक’ के माध्यम से प्रस्तावित है। यह तकनीक टिकाऊ, मजबूत, किफायती, पर्यावरण अनुकूल है। इसके मेन्टेनेन्स की लागत भी कम है। इसमें पुरानी सड़क के सम्पूर्ण क्रस्ट का दोबारा इस्तेमाल हो जाता है तथा स्टोन एग्रीगेट की जरूरत नहीं पड़ती है। इस तकनीक से सड़क का निर्माण भी बहुत तेजी से होता है। हिन्दुस्थान समाचार/संजय-hindusthansamachar.in