to-reduce-accidents-the-eyes-of-the-drivers-will-be-examined-the-39logo39-of-the-road-safety-is-fixed
to-reduce-accidents-the-eyes-of-the-drivers-will-be-examined-the-39logo39-of-the-road-safety-is-fixed 
उत्तर-प्रदेश

दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए वाहन चालकों की आंखों की होगी जांच, सड़क सुरक्षा का 'लोगो' तय

Raftaar Desk - P2

लखनऊ, 20 फरवरी (हि.स.)। परिवहन विभाग के द्वारा चयनित ज्यूरी ने करीब सात साल बाद सड़क सुरक्षा (रोड सेफ्टी) का 'लोगो' तय कर दिया है। सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए अब प्रदेश के करीब ढाई करोड़ वाहन चालकों की आंखों की जांच एक साल में की जाएगी। इस पर जो खर्च आएगा उसे गृह और परिवहन विभाग आपसी सहमति से वहन करेंगे। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने शनिवार को लखनऊ के इंदिरा गाधी प्रतिष्ठान में सड़क सुरक्षा माह के समापन समारोह में कहा कि वाहन चालकों की आंखों की जांच से लगभग 12 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी। वाहन चालकों की आंखों की जांच पर जो भी खर्च आएगा उसे गृह और परिवहन विभाग आपसी सहमति से वहन करेंगे। चिकित्सा विभाग को करीब ढाई करोड़ वाहन चालकों की आंखों की जांच का लक्ष्य एक साल में पूरा करना है। उन्होंने कहा कि जितने भी हाईवे हैं उनके किनारे ट्रामा सेंटर खोलने के लिए प्रदेश सरकार बहुत ही कम कीमत पर जमीन मुहैया कराएगी। ट्रामा सेंटर खुलने पर हाईवे पर होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के घायलों का समय से उपचार हो सकेगा। इससे मृतकों की संख्या में कमी आएगी। परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने कहा कि हर साल सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों में 37 प्रतिशत मौतें ओवर स्पीड के कारण होती हैं। होने वाली मौतों में सबसे अधिक संख्या 18 से 35 साल के युवाओं की है। उन्होंने कहा कि अन्य विभागों की तरह ही करीब सात साल बाद सड़क सुरक्षा का 'लोगो' तय हो गया है। ज्यूरी ने गाजियाबाद से आने वाले 'लोगो' की डिजाइन को अंतिम रूप दे दिया है। 'लोगो' में सड़क पर चलता हुआ एक कछुआ जागरूक करते हुए 'समझदार बनें, सुरक्षित रहें' की तख्ती दिखाता हुआ आगे बढ़ रहा है। इस 'लोगो' की लांचिंग इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में चल रहे सड़क सुरक्षा माह के समापन समारोह में हो गई है। हिन्दुस्थान समाचार/दीपक