-विरोधी दलों के नेताओं ने बताया दिशाहीन, लोकलुभावन और पूंजीपतियों को लाभ देने वाला बजट वाराणसी, 22 फरवरी (हि.स.)। योगी सरकार ने सोमवार को अपने कार्यकाल का पांचवा और आखिरी पूर्ण बजट पेश कर दिया। प्रदेश के इतिहास में पहली बार प्रदेश की भाजपा सरकार ने पेपरलेस बजट में विकास के लिए 5,50,270 करोड़ का प्रावधान किया है। बजट में वाराणसी सहित पूरे पूर्वांचल के विकास के लिए सरकार ने खजाना खोल दिया है। अकेले वाराणसी के विकास और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बजट में योगी सरकार ने सौ करोड रूपये की व्यवस्था की है। वाराणसी में योगी सरकार के बजट को लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया है। भाजपा के स्थानीय नेताओं ने बजट को ऐतिहासिक और विकासोन्मुखी बता कहा कि इससे वाराणसी और पूर्वांचल में जहां विकास का पहिया तेज गति से दौड़ेगा। वहीं प्रदेश में भी विकास की नई इबारत लिखी जायेगी। योगी सरकार ने बजट में किसानों, महिलाओं, युवाओं और व्यापारियों का पूरा ध्यान दिया है। साथ ही बजट में प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं, सड़क, शिक्षा के ढ़ाचागत विकास पर काफी ध्यान दिया है। भाजपा नेता और काशी हिन्दू विश्वविद्यालय उत्तरी निकाय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष हेमंत सिंह, धूपचंडी मंडल के पदाधिकारी मोहित शुक्ला, ओमप्रकाश सिंह, टेंट व्यवसाय संघ के राजकुमार जायसवाल ने बजट की जमकर सराहना की। कार्यकर्ताओं ने कहा कि बजट ऐतिहासिक और विकासोन्मुख है। प्रदेश सरकार ने समाज के सभी वर्गो का ध्यान रखा है। बजट कई मामलों में बेमिशाल है। यह प्रदेश के इतिहास में पहला कागज रहित बजट है। हेमंत सिंह ने कहा कि बजट से वाराणसी में पर्यटन व्यवसाय गति पकड़ेगा। काशी को सौ करोड़ रूपये बजट में आवंटित हुआ है। निश्चित तौर पर वाराणसी की तस्वीर कुछ अरसे बाद बदली नजर आयेगी। व्यापारी नेता राजकुमार जायसवाल ने कहा कि बजट में किसानों का बड़ा ध्यान रखा गया है। मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना में ही 600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में अब निश्चित तौर पर 2022 तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना साकार होगा। किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार ने संकल्प दिखाया है। वहीं, कांग्रेस के नेताओं ने बजट को दिशाहीन और लोक लुभावन बताया है। कांग्रेस के स्थानीय पूर्व जिलाध्यक्ष प्रजानाथ शर्मा ने बजट को लोकलुभावन कहा है। उन्होंने कहा कि पूंजीपतियों को लाभ देने वाला बजट है। सरकार के अंतिम बज़ट में कुछ भी ऐसा नहीं दिखा, जिससे किसी भी क्षेत्र में जनता का हित हो सके। ये बज़ट आने वाले विधान सभा के मद्देनज़र सीधे-सीधे चुनावी लोक-लुभावन बज़ट है। पूर्व जिलाध्यक्ष ने कहा कि स्मार्ट सिटी के नाम पर 2000 करोड़ का बज़ट जनता को झांसा देने वाला है। क्योंकि पहले भी स्मार्ट सिटी के नाम पर जो बज़ट पेश किया गया था वो कहीं भी जनता को धरातल पर नहीं दिखा। काशी की सड़कें, पीने का शुद्ध पानी, सीवर बद से बदतर स्थिति में है। नमामि गंगे परियोजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी, गंगा में आज़ भी गंदे नालों का पानी गिराया जा रहा है। शिक्षा व स्वास्थ्य पर सरकार का बज़ट ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। महिला सुरक्षा ब रोज़गार के नाम पर फिर जनता को छला गया। उन्होंने कहा कि ये बज़ट पूरी तरह से चुनावी और दिग्भ्रमित करने वाला बज़ट है। समाजवादी पार्टी के स्थानीय नेता ज्ञानेन्द्र मिश्र ने कहा कि बजट से सिर्फ उद्योगपतियों को लाभ पहुंचेगा। देश में डीजल-पेट्रोल की कीमतें आसमान छू रही हैं। आम लोग, किसान, व्यापारी, युवा सभी परेशान है। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/दीपक