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उत्तर-प्रदेश

जल जीवन के लिए सबसे अहम प्राकृतिक संसाधन

Raftaar Desk - P2

अलीगढ़, 22 मार्च (हि.स.)। जल जीवन के लिए सबसे अहम प्राकृतिक संसाधन है। अगर हमने जल को बचाने के लिए कार्य नहीं किया तो आगामी पीढ़ी को कठनाई का सामना करना पड़ेगा। जल के साथ-साथ अन्य प्राकृतिक संसाधनों की ओर देखना भी बेहद आवश्यक है। सरकार को इसकी ओर अहम कदम उठाने की जरूरत है। यह बातें मंगलायतन विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के संकाय अध्यक्ष प्रो. शिवाजी सरकार ने विश्व जल दिवस पर आयोजित संगोष्ठी में कहीं। सोमवार को पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें शिक्षकों व छात्र-छात्राओं ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। बायोटेक विभाग के अध्यक्ष प्रो आरके शर्मा ने कहा कि जल है तो कल है। हमें जल बचाने का संकल्प लेना चाहिए। डॉ. शिव कुमार ने जल के मूल्य के बारे में बताया। डॉ आकांक्षा ने कहा कि नई पीढ़ी के बेहतर कल के लिए हमें आज से ही कोशिश करनी होगी। जीवन में कोई ऐसा कार्य अवश्य करें कि जाने के बाद भी हमें व्यक्ति याद करें। आरजे कुंदन ने कहा कि वर्तमान समय में जल को व्यर्थ ना करें। छात्र संजीव ने कहा कि जल की बर्बादी के लिए हम सभी जिम्मेदार हैं। छात्रा जूही चौहान, ज्योति गौतम, कौशिकी चौहान, नवीन कुमार, सचिन कुमार आदि ने भी विचार व्यक्त किए। संचालन कार्यक्रम मयंक जैन ने किया। उन्होंने कहा कि 2021 की जल दिवस की थीम वैल्यू इन वाटर पर आधारित है। इस अवसर पर डॉ- आरके घोष, डॉ- मोहम्मद साकिब, अनुष्का शर्मा, प्रिया अमन, प्रशांत, आशी, पीयूष, यश, प्रवेंद्र, शिवदान आदि मौजूद थे। हिन्दुस्थान समाचार/चंद्रिल/संजय