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उत्तर-प्रदेश

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर में कमिश्नर ने किया 'सुप्रभातम्' का लोकार्पण

Raftaar Desk - P2

-परिसर में 12 ध्वनि यंत्रों से वेद मंत्रों का नियमित प्रसारण होगा -प्रात:कालीन भ्रमण करने वालों को ऊर्जा युक्त स्फूर्ति मिलेगी वाराणसी, 25 फरवरी (हि.स.)। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में अब नियमित सुबह और शाम प्रवेश करते समय लोग वेद मंत्र, श्रीमदभगवद गीता, रामायण, शिव तांडव का कर्णप्रिय पाठ सुन सकेंगे। गुरूवार को परिसर स्थित वाग्देवी मंदिर में वाराणसी परिक्षेत्र के कमिश्नर दीपक अग्रवाल और जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने विधि विधान से पूजन अर्चन के बीच 'सुप्रभातम्' को लोकार्पित कर दिया। वाग्देवी मंंदिर से वेद मंत्रों का प्रसारण परिसर में 12 जगह पर लगे पब्लिक एड्रेस सिस्टम (लाउडस्पीकर) से शुरू हो गया। परिसर स्थित वाग्देवी मंदिर से पंचदेव मंदिर तक लाउडस्पीकर से सुबह और शाम 5.30 से 6.30 बजे तक वेद मंत्रों का प्रसारण होगा। इस मौके पर मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति, संस्कार एवं संस्कृत के इस परिसर में 'सुप्रभातम्ं' का लोकार्पण हो रहा है। इस कार्य से भारतीय संस्कृति और सांस्कृतिक धरोहर को बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस परम्परा से हमारी संस्कृति एवं सांस्कृतिक दिशा में बल मिलेगा, स्वंय मे लोग उर्जायुक्त होंगे। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कहा कि हमारे पूर्वजों के विरासत को जिन्दा रखने, उतरोत्तर ऊर्जा की वृद्धि करने के लिये ही इस संस्था में शुभ कार्य प्रारम्भ हुआ है। इसके माध्यम से अन्य जगहों पर भी ऐसे कार्य प्रारम्भ होंगे। जिस तरह सांस्कृतिक कार्य करने वाले सुबहे बनारस एवं अन्य संस्थाओं के द्वारा किये जाते हैं। उनको भी इससे प्रेरणा मिलेगी। जिलाधिकारी ने कहा कि काशी संस्कृत-संस्कृति एवं सांस्कृतिक राजधानी के रूप में सम्पूर्ण विश्व देश में जानी जाती है। यहां से इस तरह का (मन्त्रोचार, श्लोक आदि) कार्यों का संदेश सभी जगहों पर जायेगा तो निश्चित ही भारतीय संस्कृति को प्रचारित करने का अवसर इस माध्यम से प्राप्त होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. राजाराम शुक्ल ने कहा कि लोगों को सकारात्मक ऊर्जा मिले तथा पूरा दिन ऊर्जा से परिपूर्ण रहे। इसी के साथ-साथ नित्य वेद-परायण की सेवा भी यहां से प्राप्त हो रही है। आन्ध्र प्रदेश से आये विद्वान प्रतिदिन श्रीमदभगवदगीता, रामायण, श्लोकों, शिव तांडव का पाठ करते हैं। सुप्रभातम से सम्पूर्ण विश्व में भारतीय संस्कृति का प्रकाश फैलेगा। उन्होंने बताया कि सुप्रभातम से श्रीमदभगवदगीता, श्लोक, मन्त्रों की सुमधुर ध्वनि सुनायी देगी, यह निरंतर चलता रहेगा। इससे आवासित परिवारों, विद्यार्थियों, एवं प्रात:कालीन भ्रमण करने वालों को ऊर्जा युक्त स्फूर्ति मिलेगी। लोकार्पण के पूर्व मां वाग्देवी की पूजा विधि विधान से मन्त्रोचार के साथ की गई। वैदिक और पौराणिक मंगलाचरण किया गया। कुलपति और वाग्देवी मन्दिर के व्यवस्थापक प्रो. महेंद्र पान्डेय ने अतिथियों का परम्परागत ढंग से स्वागत और अभिनंदन किया। इस दौरान प्रो. गंगाधर पन्डा, प्रो. हेतराम कछवाहा, प्रो. राम पूजन पान्डेय, प्रो. सुधाकर मिश्र, प्रो. शैलेश मिश्र, प्रो. ब्रज भूषण ओझा, प्रो. अमित शुक्ल आदि भी मौजूद रहे। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/दीपक