saint-vishuddhanand-maharaj-became-brahmin-ran-a-wave-of-mourning-among-the-villagers
saint-vishuddhanand-maharaj-became-brahmin-ran-a-wave-of-mourning-among-the-villagers 
उत्तर-प्रदेश

संत विशुद्धानंद महाराज हुए ब्रह्मलीन, ग्रामवासियों में दौड़ी शोक की लहर

Raftaar Desk - P2

कानपुर, 13 मई (हि.स.)। जनपद के चौबेपुर ग्राम चिटिकपुर शेरपुर बैरा में प्राचीन शिवलिंग की पूजा व जनकल्याण के लिए करीब 30 वर्ष पहले गांव में आए संत विशुद्धानंद महाराज समाधिस्थ हो गए। उनकी उम्र लगभग 90 से अधिक थी। भक्तों ने बताया कि वह बहुत ही विद्वान व सरल स्वभाव के थे। उनको कई भाषाओं सहित चिकित्सा का भी बहुत ज्ञान था। कुछ लोगों का मानना है कि वो किसी उच्च सरकारी पद पर रहे होंगे। उनसे जिसने भी सत्संग कराया वो उनका भक्त हो गया। महाराज जी की समाधि आश्रम के कमरे में बनाई गई। उनके ब्रह्मलीन होने का समाचार मिलते ही आसपास के क्षेत्र में लोग बहुत दु:खी हैं। इलाके के जिला पंचायत सदस्य कार्तिकेय शुक्ल ने बताया कि आश्रम में प्रतिदिन सुन्दरकाण्ड व रुद्राभिषेक होता है व महाराज जी का स्वर्गवाशी होना बहुत दु:ख की बात है। हिन्दुस्थान समाचार/हिमांशु