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उत्तर-प्रदेश

देशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना कुशीनगर का रिवर साइट

Raftaar Desk - P2

-पाथ-वे, घाट, उद्यान के बाद अब बोटिंग भी, 60 मीटर लम्बा राष्ट्रीय ध्वज भी लगेगा कुशीनगर, 27 फरवरी (हि. स.)। प्रशासन व निजी क्षेत्र के समन्वय के चलते कुशीनगर हिरण्यवती रिवर साइट देशी सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बन गया है। रिवर साइट सुबह की सैर, व्यायाम, साइकिलिंग, घुमक्कड़ी, गप शप, टी ब्रेक के लिए मुफीद साबित हो ही रहा था, अब बोटिंग में रुचि रखने वालों को भी लुभा रहा है। रिवर साइट पर 60 मीटर लम्बा राष्ट्रीय ध्वज लगाने व बुद्ध के प्रिय साल के पौधे रोपित किये जाने की योजना है। वैसे तो नगरपालिका, कुशीनगर विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (कसाडा) व टेम्पल एरिया मैनेजमेंट कमेटी 12 किमी लम्बी बुद्धकालीन हिरण्यवती नदी को विकसित कर जल व पर्यावरण संरक्षण व पर्यटन विकास की योजना पर कार्य कर रहा है। किंतु प्रथम चरण में करुणासागर घाट से बुद्धाघाट होते हुए लेकर मोक्ष धाम रामाभार पुल तक के दोनों तरफ के लगभग 1500 मीटर लम्बाई वाले क्षेत्र को विकसित करने का कार्य चल रहा है। इस योजना की शुरुआत साल 2013 में तत्कालीन डीएम रिंग्जिन सैम्फिल ने की थी। तब उन्होंने टेम्पल एरिया मैनेजमेंट कमेटी का गठन किया और बुद्धाघाट का निर्माण कराकर नदी के सौंदर्यीकरण की शुरुआत की। वर्तमान में रिवर साइट पर कसाडा करुणासागर पार्क व घाट का निर्माण करा रहा है। रिवर साइट पर एंटीक लाइटें, औषधीय व शोभा कार पौधे, हरी गद्दीदार घास से युक्त उद्यान, पर्यटकों के बैठने के लिए कलर फूल सीमेंटेड बेच, पाथ वे, खेल के समान युक्त पार्क विकसित करने के कार्य जोरों पर है। पर्यटन व स्वच्छ वातावरण मकसद पूर्ण बोरा ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने बताया कि योजना को विकसित करने के पीछे पर्यटन विकास के साथ जल व पर्यावरण संरक्षण के साथ लोगों को स्वच्छ वातावरण देना मकसद है। प्रशासन व निजी क्षेत्र के आपसी सहयोग से कार्य हो रहे हैं। हिरण्यवती का सम्मान बहुर रहा इतिहासकार वीरेंद्र तिवारी का कहना है कि हिरण्यवती अतीत में नारायणी नदी की शाखा रही होगी। ब्रिटिश गजेटियर में बकिया नाला के नाम से इसका उल्लेख है। खुदाई में इसके किनारे बुद्ध के अंतिम संस्कार स्थल का द्योतक मुकुटबन्धन चैत्य के अवशेष प्राप्त हुए, तब यह मान लिया गया कि यही हिरण्यवती नदी है। पर्यटन विकास कार्य अलग बात है, सबसे बड़ी बात बुद्ध की हिरण्यवती का सम्मान बहुर रहा है" हिन्दुस्थान समाचार/गोपाल/दीपक