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उत्तर-प्रदेश

आसमान में छाई काली घटाएं,बूंदा-बांदी और आधी ने सुखाई किसानों की जान

Raftaar Desk - P2

- रिमझिम बारिस ने मौसम किया सुहाना,गर्मी में हुआ ठंडक का अहसास झांसी, 12 मार्च (हि.स.)। शिवरात्रि की रात से ही आसमान में काली घटाएं छाने लगी। पूरे दिन तेज गर्मी के बाद अचानक रात में ठण्डी हवाएं बहने लगी। रिमझिम बारिश ने जहां मौसम का मिजाज बदल दिया। लोगों को गर्मी में ठण्डक का अहसास दिलाया। वहीं तेज हवाओं और गर्ज के साथ हल्की बारिश से किसानों की जान हलक में जा अटकी। गुरुवार की रात से ही जनपद के अधिकांश क्षेत्रों में गरज के साथ छींटे पड़ने शुरु हो गए थे। जहां पूरे दिन पारा अच्छा खासा गर्म रहा। लोगों को पसीने पसीने किए रहा। शाम होते ही मामला कुछ अलग हो गया। भगवान भोले नाथ का विवाह पूरी ठण्डक में हुआ। अर्ध रात्रि में मौसम एकदम ठण्डा हो गया। वहीं सुबह होते होते जनपद के अधिकांश स्थानों पर हल्की बारिश होना शुरु हो गई। आसमान में काली घटओं को देख किसानों ने खेत में कटी डली अपनी फसल को लगभग बर्बाद होना ही समझ लिया था। हालांकि कुछ नुकसान के साथ उनकी फसलें बर्बादी की कगार तक जा पहुंची। तेज आंधी ने खेत में कटी पड़ी चना, मटर व सरसों की फसलों को अधिकतर बर्बाद कर दिया। बची खुची उड़कर दूर दराज क्षेत्रों में जा पहुंची। जैसे तैसे किसान फसलों को देखकर अपना गम भुलाने का जो प्रयास कर रहा था। एक ही झटके में उसके मंसूबों पर पानी फिरता नजर आया। इस संबंध में टहरौली तहसील के ग्राम बढ़वार निवासी रामलाल ने बताया कि पूरी रात से मौसम खराब है। हालांकि वहां सुबह के समय से हल्की बारिश हो रही है। इससे खेत में कटी पड़ी सूखी फसल में नुकसान जरुर है। कुछ फसलें अंधड़ में उड़कर खेतों से दूर जा गिरी हैं। वहीं, टोढ़ी फतेहपुर निवासी किसान वीरेन्द्र ने बताया कि सुबह से ही तेज आंधी के साथ हल्की बारिश हो रही है। इससे किसान दहशत में खेतों को छोड़कर घर की ओर आ गए हैं। आंधी और हल्की बारिश ने सूखी पड़ी फसल को नुकसान पहुंचाया है। जबकि देरी से बोई गई गेहूं की फसल के लिए यह कुछ हद तक लाभ भी पहुंचा सकता है। कुछ यही बात बड़ागांव व चिरगांव के किसानों ने भी बताई। इस संबंध में किसान रक्षा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरी शंकर बिदुआ ने बताया कि बीती रात से रह रहकर आंधी चलने और रिमझिम पानी बरसने से अभी उतना नुकसान नहीं हुआ है। किसान को अभी भी आशा बंधी हुई है कि जो बची हुई फसल है उसका लाभ उसे मिल सकेगा। लेकिन तेज आंधी से चने और मटर की फसल खेतों से उड़कर दूसरे खेतों में जरुर जा पहुंची हैं। उन्होंने कहा कि जब तक बादल मंडरा रहे हैं किसानों के सिर से अभी खतरा टला नहीं है। हिन्दुस्थान समाचार/महेश