Red gold robbers are trying to kill Kane river
Red gold robbers are trying to kill Kane river 
उत्तर-प्रदेश

केन नदी की हत्या करने में तुले हैं लाल सोने के लुटेरे

Raftaar Desk - P2

बांदा, 09 जनवरी (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भले ही अवैध खनन पर रोक लगाने का दावा कर रही है लेकिन खनन माफिया सरकार के दावों पर पलीता लगा रहे हैं। आए दिन केन नदी की जलधारा में अस्थाई पुल बनाकर जलप्रवाह रोक दिया जाता है और फिर जेसीबी, पोकलैंड मशीनों के जरिए अधाधुंध बालू खनन किया जाता है। अंधाधुंध हो रहे खनन के कारण ही केन नदी की सांसे थमने लगी है।ताजा मामला दुरेडी खदान का है जहां बालू माफियाओं ने एक बार फिर अस्थाई पुल बना लिया है। बताया जाता है कि, मुख्यालय के नजदीक बालू खनन पट्टा धारक ने नदी की जलधारा रोककर उस पर पुल बना दिया। 10 फुट गहराई वाली जगह को पत्थरों और बालू की बोरियों से पाट दिया। नदी का पानी रोके जाने से ग्योडीबाबा गांव के आसपास सब्जी किसानों की फसल पानी में डूब गई है जिससे उनको लाखों की क्षति पहुंची है। इस संबंध में पीड़ित किसानों ने प्रशासन से गुहार लगाते हुए कहा कि नदी के बीच धारा में बनाए गए पुल को ढहाया जाए अन्यथा हमारी मेहनत पानी में ही जलमग्न हो जाएगी। किसानों ने आरोप लगाया कि बीच नदी में स्थाई पुल बनाए जाने से जहां उनके खेतों की फसल डूब गई है वही जेसीबी मशीनों के जरिए गहराई से बालू निकाली जा रही है जबकि एनजीटी के नियमों में बालू खनन के दौरान बीच धारा से बालू निकालने में प्रतिबंध है पर बालू के लुटेरे शासन प्रशासन और एनजीटी के नियमों को दरकिनार करते हुए धड़ल्ले से बालू का खनन कर रहे हैं। इस संबंध में पीड़ित किसानों में छोटू पुत्र फैलू, राजकुमार पुत्र हीरालाल, श्याम बाबू पुत्र कलुआ, सीताराम पुत्र किशोरी, मूलचंद पुत्र मंगल, शिव प्रसाद पुत्र महेश्वरा, राजा राम पुत्र कलुआ, रामकिशोर मनिया रजवा पुत्र मनिया, विजय पुत्र हीरालाल सुन्नी पुत्र बड़कू, जगदीश पुत्र पप्पू आदि ने बताया कि हमने जब अवैध रूप से बनाए जा रहे हैं अस्थाई पुल का विरोध किया तो पट्टा धारक व उनके गुर्गों ने हमें जान से मारने की धमकी दी है और कहा है कि हमने बालू खनन के लिए सरकार को राजस्व जमा किया है इसलिए जैसे चाहेंगे वैसे बाल निकालेंगे। बालू माफियाओं के धमकी से भयभीत किसानों ने इस मामले में प्रशासन से हस्तक्षेप करने की मांग की है। बताते चलें कि, पिछले महीने नरैनी क्षेत्र के लहुरेटा खदान में भी बालू लुटेरों ने नदी के बीच धारा में अवैध ढंग से अस्थाई पुल बना लिया था जिसे जिलाधिकारी ने संज्ञान में आते ध्वस्त करा दिया था। इसके बाद भी इस तरह की घटनाएं बंद नहीं हो रही है। जहां जलधारा रोककर बालू निकालने से जलीय जीव-जंतुओं की मौत हो रही है। वही दिनोंदिन केन नदी का जलस्तर कम होता जा रहा है।इस दिशा में प्रशासन को सख्त कदम उठाना चाहिए।अन्यथा भविष्य में केन नदी दम तोड़ देगी। हिन्दुस्थान समाचार/अनिल/मोहित-hindusthansamachar.in