Recommendation of action on seven, including municipal chairman, E.O.
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उत्तर-प्रदेश

नगर पालिका चेयरमैन, ईओ समेत सात पर कार्रवाई की संस्तुति

Raftaar Desk - P2

बांदा, 09 जनवरी (हि.स.)। नगर पालिका के चेयरमैन मोहन साहू पर भ्रष्टाचार और कर्मचारियों के उत्पीड़न का आरोप सिद्ध होने पर डीएम की संस्तुति के बाद मंडलायुक्त ने नगर विकास अनुभाग के प्रमुख सचिव को कार्रवाई के लिए पत्राचार करके चेयरमैन व ईओ समेत सात के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की है। सभासदों की शिकायतों के आधार पर सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी के पत्र के हवाले से डीएम आनंद कुमार सिंह ने जांच कमेटी गठित की और बिंदुवार जांच कराई। अब जांच रिपोर्ट के मुताबिक पालिका अध्यक्ष दोषी पाए गए हैं। जिलाधिकारी ने आयुक्त को भेजी गई जांच रिपोर्ट में बताया है कि सभासदों की शिकायतों के आधार पर सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी ने एक सितम्बर को आईजीआरएस पोर्टल के माध्यम से नगर पालिका बांदा चेयरमैन मोहन साहू के विरुद्ध आठ बिंदुओं पर शिकायत दर्ज कराई थी। जिस पर जांच के लिए उनकी ओर से एडीएम, कोषाधिकारी और पीडब्लूडी एक्सइएन की टीम गठित कर जांच कराई गई। जिसमें चेयरमैन और तत्कालीन अधिशाषी अधिकारी समेत सात लोग दोषी पाए गए हैं। संयुक्त जांच कमेटी की रिपोर्ट में चेयरमैन पर चहेतों को लाभ पहुंचाने, अधिकारों का दुरुपयोग करने, विद्युत सामग्री की खरीद फरोख्त में नियमों की अनदेखी करने और नगर पालिका में अनाधिकृत तौर पर सभासद अनवर अली को अध्यक्ष मनोनीत करने आदि अनियमितताओं के आरोप सिद्ध पाए गए हैं। बताया गया है कि मनोनीत अध्यक्ष ने अनाधिकृत रूप से सरकारी कार्यों और भुगतान किए और एक चहेते सपा नेता के निजी कैंपस में इंटरलाकिंग कराया और सरकारी धन का दुरुपयोग किया। वहीं चेयरमैन ने सजातीय और चहेतों को अनुचित लाभ पहुंचाने की गरज से व्यापक अनियमिताएं की। जिनमें आउट सोर्सिंग कर्मचारियों को मूल पद के स्थान पर उच्च पदों पर काम कराने, आउट सोर्सिंग फर्म देवभूमि कंन्ट्रेक्शन को अनुचित लाभ पहुंचाने के भी आरोप सिद्ध हुए हैं। इतना ही नहीं जांच कमेटी ने चेयरमैन पर अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर नामांतरण की कार्रवाई कराने और अवैध रूप से वारिसाना सम्बंधी करीब तीन सैकड़ा से अधिक पत्रावलियों को अपने कब्जे में रखने की पुष्टि भी की है। जांच कमेटी ने पूरे प्रकरण में चेयरमैन मोहन साहू समेत तत्कालीन अधिशाषी अधिकारी, सहायक अभियंता, अवर अभियंता, कर अधीक्षक और लिपिक सौरभ निगम, विनोद कुमार को प्रथमदृष्टया दोषी करार दिया है। संयुक्त जांच टीम की रिपोर्ट और डीएम की संस्तुति के साथ ही मंडलायुक्त गौरव दयाल ने कार्रवाई की संस्तुति के साथ प्रमुख सचिव नगर विकास, लखनऊ को पत्र भेजा है। हिन्दुस्थान समाचार/अनिल/विद्या कान्त-hindusthansamachar.in