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उत्तर-प्रदेश

कोरोना काल में स्थगित हुई आरबीएसके की सेवाएं शुरू

Raftaar Desk - P2

- आरबीएसके टीम ने शिविर को लेकर किया माइक्रो प्लान तैयार हमीरपुर, 17 फरवरी (हि.स.)। कोरोना काल से स्थगित चल रहा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) पटरी पर लौटने लगा है। आंगनबाड़ी केंद्रों और कॉलेजों के खुलने के साथ ही बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण शुरू कर दिया गया है। 01 मार्च से कक्षा एक से आठ तक के स्कूलों के खुलने के साथ ही स्वास्थ्य परीक्षण में और तेजी आएगी। इसे लेकर आरबीएसके ने बुधवार से माइक्रो प्लान तैयार करना शुरू कर दिया है। देश में बीते वर्ष मार्च माह में कोरोना महामारी की दस्तक की वजह से आरबीएसके द्वारा संचालित किए जाने वाले सभी तरह के स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर ब्रेक लग गया था। आरबीएसके प्रतिवर्ष आंगनबाड़ी केंद्रों में दो और स्कूलों में एक बार बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करने के लिए शिविर का आयोजन करता है। इस शिविर में चिन्हित किए जाने वाले रोगग्रस्त बच्चों को उपचार के लिए अस्पतालों में पहुंचाया जाता है। मार्च से कक्षा 8वीं तक के स्कूलों में होंगे परीक्षण आरबीएसके के नोडल अधिकारी डॉ रामअवतार ने बताया कि शासन ने आबीएसके के जिन कार्यक्रमों को स्थगित किया था, उन्हें पुनरू संचालित करने की अनुमति प्राप्त हो गई है। इसके साथ ही जिले में खोले गए आंगनबाड़ी केंद्रों और कॉलेजों में टीमों ने स्वास्थ्य परीक्षण शुरू कर दिया है। एक मार्च से कक्षा एक से लेकर 8वीं तक के स्कूल नियमित रूप से खुलेंगे, इसे देखते हुए इन स्कूलों में बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण की तैयारी शुरू कराई जा रही है। कोरोना की वजह से वैसे भी बच्चों को मानसिक तौर पर कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। ज्यादातर समय घरों में बिताने की वजह से बच्चे डिप्रेशन का शिकार भी हुए हैं, इसलिए इन शिविरों में इन सभी बिंदुओं का खास ख्याल रखते हुए बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण होगा। उन्होंने बताया कि जनपद के सातों ब्लाकों में आरबीएसके की टीम है। परीक्षण के लिए जाने वाली टीम में दो डॉक्टर, एक स्टाफ नर्स/एएनएम और एक पैरामेडिकल स्टाफ का सदस्य होता है। 80 आंगनबाड़ी केंद्रों और 91 कॉलेजों में लगे शिविर आरबीएसके के डीईआईसी मैनेजर गौरीश राज पाल ने बताया कि फरवरी माह में अब तक 80 आंगनबाड़ी केंद्रों में 4173 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है, जिसमें 243 बच्चों को रेफर किया गया है। कैंपों में सर्वाधिक आंखों और त्वचा रोग से संबंधित समस्याएं वाले ज्यादा बच्चे मिले हैं। कटे होंठ के दो बच्चे मिले हैं। गोहांड में 7, कुरारा में 14, मौदहा में 18, मुस्करा में 14, राठ में 10, सरीला में 8, सुमेरपुर में 9 आंगनबाड़ी केंद्रों में शिविर लगाए गए। जबकि 91 इण्टर कॉलेजों में शिविर लगाकर 7091 छात्र-छात्राओं की स्क्रीनिंग की गई। हिन्दुस्थान समाचार/पंकज-hindusthansamachar.in