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उत्तर-प्रदेश

श्रमिक कालोनियों का दोगुना किराया बढ़ाया जाना जनता के लिए है अनुचित : विधायक

Raftaar Desk - P2

— श्रमिक कालोनी के निवासियों को मालिकाना हक दिए जाने का विधायक ने सदन में उठाया थी मांग कानपुर, 23 मार्च (हि.स.)। औद्योगिक नगरी को श्रमिक नगरी भी कहा जाता है क्योंकि यहां पर श्रमिक कालोनियों की संख्या अन्य महानगरों की अपेक्षा काफी अधिक है। इन श्रमिक कालोनियों में रहने वाले निवासियों को मालिकाना हक नहीं दिया गया, जिसकी मांग गोविन्द नगर विधायक सदन में भी उठा चुके हैं। इन दिनों यह चर्चा है कि केडीए श्रमिक कालोनियों का किराया दोगुना करना चाहते है। इसको लेकर मंगलवार को विधायक ने मंडलायुक्त से मुलाकात कर कहा कि जनता के लिए अनुचित है। गोविंद नगर विधानसभा के विधायक सुरेंद्र मैथानी ने मंगलवार को मडलायुक्त डा. राजशेखर से उनके कार्यालय में भेंट की। विधायक ने उनसे कहा कि बुधवार को केडीए अपनी होने वाली बोर्ड बैठक करने जा रहा है। इस बैठक में केडीए श्रमिक कालोनियों का किराया दोगुना करने का विचार कर रहा है जो बिल्कुल अनुचित है। विधायक ने कहा कि एशिया की सबसे बड़ी श्रमिक कॉलोनियां मेरी गोविंद नगर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत है। जिसमें केडीए की कॉलोनी एवं श्रम विभाग की भी कालोनियों में लाखों लोग निवास करते हैं। साथ ही यह कानपुर के अन्य भागों में भी बनी है। जिसमें वर्षों से, तीन- तीन,चार-चार पीढ़ी से लोग, परिवारों के साथ, इन कालोनियों में रहते हैं। विधायक ने कहा कि यह बात मैंने उत्तर प्रदेश के सदन में भी अपने वक्तव्य में अपने संविधानिक अधिकार के अंतर्गत अधिकृत रुप से कही है। मुख्यमंत्री को भी इसका संज्ञान दिया है। इसके स्वामित्व के मामले को लेकर भी शासन में भी बात की है। इस दौरान नगर पार्षद दीपक सिंह, अभिनव दीक्षित आदि मौजूद रहें। हिन्दुस्थान समाचार/अजय/मोहित