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उत्तर-प्रदेश

36 सीटों के आरक्षण प्रणाली को बदलने वाले 'बाहुबली' को जानना चाहती है जनता

Raftaar Desk - P2

कानपुर देहात, 07 अप्रैल (हि.स.)। जनपद में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जिम्मेदारों की लापरवाही या कहें भ्रष्टाचार साफ देखने को आया है। बिना किसी दावा आपत्ति के 36 क्षेत्र पंचायत सदस्यों की सीटें बदलने का खुलासा होने से महकमे में हड़कम मच गया है। जिलाधिकारी द्वारा मामले में संज्ञान लेने पर डीपीआरओ द्वारा वरिष्ठ लिपिक को निलंबित करते हुए मलासा के अपर डीपीआरओ को जांच सौंप दी गई है। वहीं जिलाधिकारी द्वारा उच्च स्तरीय जांच के लिए मुख्य विकास अधिकारी को इस मामले का जांच अधिकारी बनाया है। गांव की मासूम जनता आरक्षण प्रणाली को बदलने वाले 'बाहुबली' को जानना चाहती है। जनपद में दूसरे चरण में त्रिस्तरीय पंचायत होना सुनिश्चित हुआ है। जिसके चलते 20 मार्च को जनपद में अंतिम आरक्षण सूची को जारी किया गया था। इस दौरान जनपद से कुल 1209 आपत्ति भी दाखिल की गई थी। इसका निस्तारण करते हुए 25 मार्च को अंतिम और न बदलने वाली सूची को जारी कर दिया गया। इस सूची में मलासा ब्लॉक की उन 36 सीटों को बदल दिया गया, जिसमें आपत्ति ही नहीं जताई गई थी। मामले के खुलासे के बाद महकमे में हड़कम्प मच गया। डीपीआरओ ने अपनी गलती छिपाने के लिए जल्दबाजी में स्थापना के वरिष्ट लिपिक को निलंबित भी कर दिया। जबकि इस लिपिक का आरक्षण सूची को जारी करने या उससे सम्बंधित कार्य से कोई लेना देना ही नहीं होता है। इस लिपिक के पास कार्यालय का स्थापना पटल है। यही नहीं खुद जांच अधिकारी बन मलासा ब्लॉक के अपर डीपीआरओ को जांच भी सौंप दी। उच्च स्तरीय जांच हुई शुरु मलासा ब्लॉक की 36 सीटों के बिना जानकारी बदलने का मामला तूल पकड़ने लगा है। जनपद के अधिकारियों की कार्यवाही पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं। जिसको देखते हुए जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी सौम्या पांडे को यह जांच सौंपी है। फिलहाल जल्द बाजी में एक वरिष्ठ लिपिक को डीपीआरओ द्वारा निलंबित कर दिया गया है। अपर जिलाधिकारी प्रशासन पंकज वर्मा ने बताया कि यह मामला गम्भीर है जिसमें उच्च स्तरीय जांच की जा रही है। अगर डीपीआरओ के खिलाफ भी सबूत मिले तो उनके खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी। बिना आपत्ति आरक्षण बदलने वाला कौन बाहुबली मलासा ब्लॉक की 36 सीटों पर बिना आपत्ति के आरक्षण सूची के बदलने के मामले में जनता भी रुचि दिखा रही है। जिन लोगों ने यहां से बीडीसी के लिए तैयारी की थी उसमें बिना आपत्ति के सीट बदल जाने से जनता नाराज भी है और उस बाहुबली का चेहरा देखना चाहती है जिसको किसी का डर नहीं है। फिलहाल अभी तक जिला प्रशासन द्वारा सिर्फ खाना पूर्ति ही की गई है। कोई जिम्मेदार के खिलाफ कार्यवाही नहीं की गई है। जनता उस चेहरे को देखना चाहती है जो इस मामले का मास्टरमाइंड है। अधिकारीयों द्वारा उच्च स्तरीय जांच की बात जरूर की जा रही है। हिन्दुस्थान समाचार/अवनीश