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उत्तर-प्रदेश

जनता पर यूजर चार्ज का जनहित संघर्ष समिति ने जताया विरोध

Raftaar Desk - P2

यूजर चार्ज जनता पर डाका डालना एवं कमीशन खोरों को बढ़ावा देना: प्रमिल केसरवानी प्रयागराज, 02 अप्रैल (हि.स.)। जनहित संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष प्रमिल केसरवानी ने नगर निगम द्वारा जबरदस्ती जनता पर यूजर चार्ज लगाए जाने को लेकर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि यूजर चार्ज के नाम पर आम जनमानस से धन उगाही करने का एक नया तरीका बनाया गया है। जिससे कमीशन खोरों को बढ़ावा मिलेगा और भविष्य के लिए घातक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि यह यूजर चार्ज जनता से कूड़ा उठाने के नाम पर 70 रुपये प्रति महीने लिए जाने को बाध्य किया जाएगा। जबकि जनता कूड़ा उठाने के लिए ही गृह कर देती है। एक ही काम के लिए दो तरीके से रुपये देना जनता के साथ अन्याय है। उन्होंने कहा कि प्रयागराज नगर निगम में लगभग तीन लाख परिवार रजिस्टर्ड हैं अगर एक परिवार से 70 रुपये प्रतिमाह यूजर चार्ज लिया जाता है तो लगभग 2.10 करोड़ रुपये प्रतिमाह जनता से वसूल किए जाएंगे। जबकि नगर निगम चाहे तो प्रत्येक वार्डों में चार अन्य संविदा कर्मचारी लगाकर यह काम करा सकती है जो पूरे 80 वार्डों में 320 संविदा कर्मचारियों की संख्या आएगी और एक संविदा कर्मचारी पर खर्च लगभग 7,500 रुपये आता है। ऐसे में कुल 320 कर्मचारियों को अगर ले लिया जाए तो कुल खर्च 22.50 लाख रुपये प्रतिमाह आएगा। जिसके लिए प्रदेश शासन की ओर से राज्य वित्त द्वारा पर्याप्त धन नगर निगम को दिया जाता है। श्री केसरवानी ने कहा कि नगर निगम प्रशासन के अधिकारी एवं कुछ वरिष्ठ जन प्रतिनिधियों के साथ सांठगांठ करके अपने या अपनों के नाम निजी कंपनी बनाकर या फिर अपने किसी मनचाही निजी कंपनी के साथ जनता की गाढ़ी कमाई लूटेंगे और कमीशनखोरी करेंगे। जिसका जनहित संघर्ष समिति विरोध करेगी। इस मामले में महापौर अभिलाषा गुप्ता नन्दी ने वार्ता करने पर बताया कि यूजर चार्ज 2015-16 में ही सदन की बैठक में पास हुआ था। इसके साथ ही यह इलाहाबाद हाईकोर्ट की गाइडलाइन में भी है। इसलिए हाईकोर्ट की अवमानना नगर निगम क्या कोई नहीं कर सकता। हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त