लखनऊ, 12 जनवरी (हि.स.)। राष्ट्रीय कलामंच लखनऊ महानगर के द्वारा स्वामी विवेकानंद की जयंती पर ललित कला संकाय लखनऊ विश्वविद्यालय के हाल्दार सभागार में संगोष्ठी एवं 1 से 12 जनवरी तक आयोजित युवोत्सव का समापन एवं पुरस्कार वितरण कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस अवसर पर युवाओं में काफी उत्साह दिखा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एडीएम विश्वभूषण मिश्रा ने कहा कि विद्यार्थियों को स्वामी विवेकानन्द जी के विचारों को अपने आचरण में शामिल करने से ही विवेकानंद के सपनों के भारत का निर्माण संभव है। विद्यार्थी परिषद् के कार्यकर्ता इस प्रक्रिया में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने अपने उत्साह से भरपूर उद्बोधन में कार्यक्रम में उपस्थित सभी विद्यार्थियों को युवा शक्ति की अहमियत समझाई तथा राष्ट्र निर्माण में युवाओं के योगदान पर प्रकाश डाला। अधिवक्ता दिलीप यशवर्धन ने कहा कि स्वामी जी का जीवन स्वयं में प्रेरणा की एक किताब है, जिसे जितना अध्ययन किया जाए उतना कम है। उन्होंने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि अगर आपमें जिम्मेदारी उठाने की क्षमता है तो आप युवा हैं और आपने जिम्मेदारी उठाना सीख लिया तो कोई भी अँधेरा आपका नाम रोशन होने से रोक नही सकता। विद्यार्थी परिषद के प्रांत उपाध्यक्ष प्रो. गोविन्द पाण्डेय ने बताया कि विवेकानन्द जी का जीवन भी सामान्य विद्यार्थी जैसा ही था लेकिन उनके अनुशाशन और ध्येय निष्ठता ने उन्हें नरेंद्र से स्वामी विवेकानंद बना दिया, आज वो भारत ही नहीं, अपितु पूरे विश्व के युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत हैं| महानगर मंत्री कु.अभिमन्यु प्राताप सिंह ने स्वागत उद्बोधन एवं महानगर अध्यक्ष डा. मंजुला उपाध्याय ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया| कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय कलामंच लखनऊ महानगर सह-संयोजक सृष्टी सिंह ने किया। युवोत्सव में आयोजित प्रतियोगिता में प्रथम, दितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कार प्रदान किया गया। निबंध प्रतियोगिता में स्वेता यादव, स्लोगन में तरूण अस्थाना व चित्रकला में सचिन कुमार अव्वल रहे। हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र-hindusthansamachar.in