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उत्तर-प्रदेश

गलत लोकेशन बताने वाले पुलिसकर्मियों की कसेगी नकेल, एप्प करेगा निगरानी

Raftaar Desk - P2

गोरखपुर, 20 फरवरी (हि.स.)। अब रात्रि गश्त में झूठी लोकेशन बताने वाले पुलिसकर्मियों की नकेल कसी जाएगी। सटीक लोकेशन और रूट बताने वाले 'मैप माई वर्क एप' से इनकी मुश्किलें बढ़ाने वाली हैं। यह न सिर्फ उनका सटीक लोकेशन बताएगा बल्कि उन रूट्स को भी बताएगा, जिनसे वे होकर गुजरेंगे। रात्रि गश्त को प्रभावी बनाने के लिए एडीजी ने यह खाका तैयार किया है। एडीजी जोन अखिल कुमार ने कानून व्यवस्था को बेहतर करने की ठान ली है। पुलिस कर्मियों की मनमानी पर भी लगाम लगाने की तैयारी में हैं। पुलिसकर्मी वायरलेस पर कंट्रोल रूम को लोकेशन बताकर गश्त स्थल से नदारद नहीं रह सकेंगे। इसके लिए उन्होंने एक खाका तैयार कर लिया है। बता दें कि पिछले दिनों गोरखपुर में व्हाटसएप पर लाइव लोकेशन भेजने का फरमान जारी हुआ था। लेकिन वह बहुत सफल नहीं हुआ। इसलिए उसे और कारगर बनाने का कार्य हो रहा है। अब बहुत जल्दी ही पुलिस कर्मियों के मोबाइल फोन पर एक एप डाउनलोड कराया जाएगा। इस एप्प का नाम 'मैप माई वर्क एप' है। यह बताएगा एप्प गश्त पर निकलने पर पुलिसकर्मियों को एप को ऑन करना होगा। संबंधित कर्मी जब एप्प को ऑन करेगा, तो उसकी सटीक लोकेशन कंट्रोल ऑफिस को मिलने लगेगी। ऑफिस में बैठकर निगरानी कर रहा कर्मचारी उसकी गतिविधियों को रीड करता रहेगा। वहां बैठे बैठे वह जा जाएगा कि अमुक पुलिसकर्मी ने किस रूट पर कितनी दूरी तय किया है। वह कहां-कहां गया है और लोकेशन पर कितनी देर बिताया है। कहते हैं एडीजी एडीजी अखिल कुमार का कहना है कि पहले की अपेक्षा तकनीकी काफी बढ़ी है। हमें भी अपने काम को तकनीकी का सहारा लेकर चुस्त-दुरुस्त बनाना होगा। रात्रि गश्त का प्लॉन बहुत पहले से चल रहा है। कई नियम कानून भी अलग-अलग समय पर बनाए गए, लेकिन रात्रि गश्त में कुछ पुलिसकर्मी नदारद मिले। वॉयरलेस सेट पर जगह कुछ और बताते हैं और रहते कहीं और हैं। लिहाजा इन सब बिन्दुओं को देखते हुए कई तरह की योजनाओं पर काम हो रहा है। सबका रहेगा ध्यान एडीजी का कहना है कि गोरखपुृर में वॉयरलेस लोकेशन के साथ रात 12 बजे से सुबह पांच बजे तक रात्रि गश्त चलती है। अलग-अलग अधिकारियों व थानेदारों का अलग अलग दिन शेडयूल बना है। व्हाटसएप लाइव लोकेशन भेेजने की व्यवस्था है। अब इसे एप के जरिए जोड़ने का प्लान तैयार कराया जा रहा है। इसमें एप के जरिए ही पुलिसकर्मी अपनी पूरी डिटेल संबंधित अधिकारी हो दे देगा। थानेदारों को चौबीस घंटे में एक निश्चित समय का विश्रााम देने का भी प्रयास किया जा रहा है। हिन्दुस्थान समाचार/आमोद