permanent-vice-chancellor-of-sampurnanand-sanskrit-university-took-charge
permanent-vice-chancellor-of-sampurnanand-sanskrit-university-took-charge 
उत्तर-प्रदेश

सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के स्थायी कुलपति ने कार्यभार ग्रहण किया

Raftaar Desk - P2

बोले, विश्वविद्यालय को एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करेंगे वाराणसी, 12 जून (हि.स.)। सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में शनिवार को स्थायी कुलपति वरिष्ठ आचार्य प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने कुलपति कार्यालय में कार्यवाहक कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय से अपना कार्यभार विधिवत ग्रहण किया। कार्यभार ग्रहण करने से पूर्व नवनियुक्त कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने कालभैरव श्री काशी विश्वनाथ दरबार, माँ अन्नपूर्णा परिसर स्थित माँ वाग्देवी का दर्शन पूजन किया। कार्यभार ग्रहण करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कुलपति प्रो. त्रिपाठी ने कहा कि संस्कृत भाषा और साहित्य के प्रचार-प्रसार के साथ ही विश्वविद्यालय में शिक्षण का स्तर ऊंचा उठाना और छात्र हितों की रक्षा करना उनकी प्राथमिकता होगी। उन्होंने नई शिक्षा नीति पर चर्चा करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति में भारतीय परम्परा को ध्यान में रखकर पाठ्यक्रम का निर्माण किया जाएगा। स्ववित्त पोषित पाठ्यक्रमों के बारे में उन्होंने कहा कि रोजगार परक कोर्स खोले जाएंगे, प्राचीन प्रबंध शास्त्र पर पाठ्यक्रम शुरू करने की बात की। उन्होंने विश्वविद्यालय से जुड़े लगभग 1,000 महाविद्यालयों के विकास की बात करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत इन संस्थानों का विकास करना है। उन्होंने विश्वविद्यालय के मूर्धन्य विद्वानों का जो इस विश्वविद्यालय से जुड़े थे उनके जीवन पर एक वृत्तचित्र डॉक्यूमेंट्री बनाने की बात कही। प्रो. त्रिपाठी ने कहा कि जिससे आने वाली पीढ़ियां उनसे परिचित हो सके। उन्होंने विश्वविद्यालय को एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की भी बात कही। बताया कि विश्वविद्यालय में प्राचीन वेध शाला और ज्योतिष खगोलीय गणना के केंद्र हैं। जिससे आने वाले समय में इनको विकसित किया जाएगा। जिससे विश्वविद्यालय संस्कृत जगत में एक पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाएगा और लोग इसको देखने के लिए आयेंगे। ग्रन्थालय को डिजिटलीकरण करने का पूर्णतः प्रयास करेंगे। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/विद्या कान्त