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उत्तर-प्रदेश

पंचायत चुनाव : लुभाने के लिए होली के त्योहार पर परदेसी बाबूओं को वापस लाएंगे प्रत्याशी

Raftaar Desk - P2

- होली के त्योहार पर घर आने के लिए जेब से नहीं खर्च होंगे रुपये - चुनाव में अपनी बढ़त बनाने में तेजी से जुट गए संभावित प्रत्याशी मीरजापुर, 21 मार्च (हि.स.)। होली के त्योहार का आनंद लेने के साथ ही त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मतदान करने के लिए परदेसी बाबू भी आएंगे, लेकिन इसके लिए उन्हें इस बार अपनी जेब ढीली नहीं करनी पड़ेगी। अपने पक्ष में परदेसी बाबू के सपरिवार का वोट लेने के लिए संभावित प्रत्याशी अभी से जुट गए हैं। इसके लिए परदेसियों को सपरिवार घर आने-जाने का खर्च देने के लिए व्यवस्था करने में जुट गए हैं। इससे परदेसियों के घर में भी खुशी का माहौल है। क्षेत्र के तमाम लोग देश के महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, राजस्थान, दिल्ली समेत कई प्रदेशों में रोजी-रोटी के लिए नौकरी करने के लिए गए हैं। हालांकि कुछ ऐसे लोग भी हैं जो पूरे परिवार के साथ परदेस में रह कर काम करते हैं। होली का त्योहार आ गया है और सभी अपने घरों को आएंगे, लेकिन उन्हें इस बार किराया नहीं लगाना पड़ेगा। पंचायत चुनाव नजदीक होने के कारण संभावित प्रत्याशी अपने-अपने पक्ष में करने के लिए उन परदेसियों को आने-जाने का पूरा खर्च वहन करने को तैयार हैं। ऐसे में मतदान के लिए प्रत्याशियों के बुलावे पर अन्य प्रांतों में नौकरी करने वाले लोग परिवार सहित अपने घर को लौटेंगे। वहीं एक तरफ लोगों को डर भी सता रहा है कि इन दिनों कई प्रांतों में कोरोना महामारी दोबारा फैलना शुरू हो गया है और परदेसी बाबू आएंगे तो कोरोना साथ न लेकर आएं, जो चिंता और चर्चा का विषय बना हुआ है। विगत वर्ष मार्च और अप्रैल में विकास खंड कोन के अधिकांश गांव में परदेसी बाबू के चलते कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ गया था। सरकार यदि परदेसी बाबू पर नजर नहीं रखी तो पंचायत चुनाव का मतदान जनता के लिए अभिशाप बन जाएगी। हिन्दुस्थान समाचार/ गिरजा शंकर