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उत्तर-प्रदेश

यज्ञ से ही मिलेगी कोरोना जैसे वायरस जनित महामारी से मुक्ति: शंकराचार्य

Raftaar Desk - P2

-जगद्गुरु अधोक्षजानंद के माघ मेला स्थित शिविर में महायज्ञ का हुआ समापन प्रयागराज, 27 फरवरी (हि.स.)। गोवर्धन पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ का कहना है कि यज्ञ के अनुष्ठानों से ही कोरोना जैसे वायरस जनित महामारी से मुक्ति संभव है। शंकराचार्य के माघ मेला स्थित शिविर में माघी पूर्णिमा के दिन आज महायज्ञ का विधि विधान से समापन सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर जगद्गुरु देवतीर्थ ने कहा कि यज्ञ के आयोजन से वायुमंडल शुद्ध होता है। उन्होंने कहा कि यज्ञ में डाली जाने वाली आहुतियों में कई तरह की औषधियां होती हैं, जिनमें विषाणुओं को नष्ट करने की अद्भुत क्षमता होती है। शंकराचार्य ने कहा कि इसके अलावा वेद मंत्रों से अग्नि को समर्पित की गई आहुतियों से दैविक शक्तियां बलवती होती हैं, जिससे राजा-प्रजा सभी का कल्याण होता है और सुख शांति मिलती है। इसलिए यज्ञ के नियमित आयोजन से समाज में वायरस जनित रोगों के पनपने की संभावना क्षीण हो जाती है। गौरतलब है कि कोरोना से मुक्ति और विश्व के कल्याण हेतु माघ मेला स्थित शंकराचार्य अधोक्षजानंद के शिविर में लगातार यज्ञ का आयोजन हुआ। मथुरा में गोवर्धन स्थित उनके आश्रम में भी पिछले कई माह से यज्ञ का अनुष्ठान अनवरत चल रहा है। माघ मेला स्थित शिविर में हुए यज्ञ में असम सरकार के प्रतिनिधि के रुप में किशोर जयंत माधव समेत देश के विभिन्न भागों से आए श्रद्धालुओं ने आहुतियां डालीं। माघी पूर्णिमा के दिन यज्ञ के समापन के अवसर पर भगवान चंद्रमौलेश्वर का अभिषेक और राजराजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी की विशेष अर्चना की गई। गोरखनाथ मंदिर के मुख्य मठ पुरोहित वेदाचार्य रामानुज त्रिपाठी की देखरेख में विद्वान आचार्यों ने वैदिक मंत्रोचार के साथ महायज्ञ की पूर्णहुति की। शिविर के एक प्रवक्ता ने बताया कि शंकराचार्य शिविर में माघ पर्यन्त विभिन्न धार्मिक व सामाजिक कार्यक्रम सम्पन्न हुए। महीने भर लगातार अन्नक्षेत्र भी चला, जो अभी भी जारी है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण सभी कार्यक्रमों को सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार सम्पन्न कराया गया। हिन्दुस्थान समाचार/ पीएन द्विवेदी