Atal Bihari Vajpayee
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लखनऊ

Lucknow: चुनावी मैदान में जब आमने-सामने थे दो बिहारी, क्यों अटल पहुंचे कांग्रेस नेता के घर, कहा- कंजूसी न...

लखनऊ, हि.स.। ये बात उस समय की है जब दूसरी लोकसभा के लिए 1957 में चुनाव होने जा रहे थे। नवाबों की नगरी लखनऊ का माहौल चुनावी हो रहा था। इस बार यहां से कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार के तौर पर पुलिन बिहारी बनर्जी को मैदान में उतारा था। उनके सामने जनसंघ से अटल बिहारी वाजपेयी चुनाव मैदान में थे।

अटल बिहारी थे कांग्रेस के सामने सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी

सीधे तौर पर मुकाबला कांग्रेस के पुलिन बिहारी और जनसंघ के अटल बिहारी के बीच था। अटल बिहारी वाजपेयी जो उस दौर में पुलिन बिहारी बनर्जी के मजबूत प्रतिद्वंद्वी माने जा रहे थे, उनका वो राजनीतिक कद नहीं था, जिसकी आज देश-दुनिया में चर्चा होती है। छात्र राजनीति से उठकर वह अपनी जगह सक्रिय राजनीति में बना रहे थे। हां, ये बात अलग थी कि वे बेहद मिलनसार और अच्छे वक्ताओं में थे।

कांग्रेस के सिर पर सजा जीत का सेहरा

इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी पुलिन बिहारी बनर्जी 'दादा' को 69519 (40.75 फीसदी) मिले। और जीत का सेहरा कांग्रेस के बिहारी के सिर बंधा। जनसंघ प्रत्याशी अटल बिहारी वाजपेयी को 57034 (33.44 फीसदी) वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे। तीसरे स्थान पर रहे CPI के फजल अब्बास काजमी के खाते में 28542 (16.73 फीसदी) वोट आए।

हार के बाद पुलिन बिहारी के घर पहुंचे थे अटल बिहारी

चुनाव नतीजों की घोषणा के बाद जनसंघ के कार्यालय पर उपस्थित लोग हार-जीत का विश्लेषण कर रहे थे। अटल बिहारी उठे और कुछ लोगों के साथ पहुंच गए बनर्जी के घर। अटल जी को घर के सामने देख पुलिन बिहारी के घर मौजूद लोग हड़बड़ा गए। अटल जी बोले, 'दादा जीत की बधाई। चुनाव में तो बहुत कंजूसी की लेकिन अब न करो कुछ लड्डू-वड्डू तो खिलाओ।' दादा ने अटलजी को गले लगाया। अपने हाथ से लड्डू खिलाया तो अटलजी ने दादा को लड्डू खिलाते हुए उनसे आशीर्वाद लिया।

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