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उत्तर-प्रदेश

घने कोहरे और ठिठुरन से जनजीवन ठहरा, भगवान सूर्य की रश्मियों की तासीर भी नरम

Raftaar Desk - P2

वाराणसी, 28 जनवरी (हि.स.)। दिसम्बर माह के आखिरी दौर और पौष मास के समापन पर गुरूवार को धर्म नगरी वाराणसी में जनजीवन घने कोहरे और कड़ाके की ठंड, सिहरन से सिकुड़ा रहा। सुबह 8.30 बजे तक घने कोहरे का आलम रहा कि 20 से 30 मीटर की दूरी नहीं दिख रही थी। वाहन चालक लाइट जलाकर धीमी गति से चलते रहे। सड़कों पर आमदिनों की अपेक्षा चहल-पहल नहीं दिखी। सुबह 06 बजे जिले का अधिकतम तापमान 17.02 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम पांच डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जिसके चलते लोग सुबह देर तक घरों से बाहर नही निकले। पूर्वांह्न 09 बजे के बाद सड़कों पर आवागमन की रफ्तार बढ़ीं। पूर्वांह्न 9.30 बजे के बाद भगवान भाष्कर की किरणों ने कोहरे को अर्दब में लेना शुरू किया। हालांकि सर्द हवाओं के चलते धूप की तासीर नरम रही। लोग जगह-जगह और गंगा घाटों पर धूप सेकते नजर आये। बीएचयू के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अभी तीन से चार दिन तक गलन के साथ घना कोहरा भी छाया रहेगा। नम पछुआ हवाओं से लोगों को गलन से राहत नहीं मिल पा रही है। पिछले एक सप्ताह से मौसम का तेवर तेजी से बदल रहा है। बीते बुधवार को भी दिन में धूप निकली लेकिन हवा में नमी अधिक रहने की वजह गलन बरकरार रही। बुधवार को अधिकतम तापमान 17.02 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 7..2 डिग्री सेल्सियस रहा। गुरूवार को अपराह्न एक बजे तक अधिकतम 16 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 08 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हवा की रफ्तार 06 किमी प्रति घंटा और नमी 62 फीसद दर्ज की गई। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर-hindusthansamachar.in